“परिवहन विभाग के आंकड़ों के अनुसार, 2024 में उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में सड़क दुर्घटनाओं में घायलों की संख्या सबसे अधिक रही, जबकि कुछ जिलों में हादसों में कमी आई। जानिए, किस जिले में हुए सबसे अधिक सड़क हादसे!”
उत्तर प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सरकार और परिवहन विभाग द्वारा किए जा रहे तमाम प्रयासों के बावजूद, 2024 में सड़क हादसों की संख्या में लगातार वृद्धि देखी गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को दिशा-निर्देश तो दिए हैं, लेकिन इसका प्रभाव जमीनी स्तर पर दिखाई नहीं दे रहा है।
सड़क दुर्घटनाओं की स्थिति
परिवहन विभाग की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में उत्तर प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में 3.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। 2023 में जहां कुल हादसों की संख्या 44,534 थी, वहीं 2024 में यह बढ़कर 46,052 हो गई। इसके साथ ही मृतकों की संख्या में भी 2 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। 2023 में 23,652 लोग सड़क हादसों में अपनी जान गंवा बैठे थे, जबकि 2024 में यह संख्या बढ़कर 24,118 हो गई। इसके अलावा, घायलों की संख्या में 11.5 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। 2023 में 31,098 लोग घायल हुए थे, जो 2024 में बढ़कर 34,665 हो गए।
लखनऊ में हादसों का बढ़ता आंकड़ा
राजधानी लखनऊ में सड़क दुर्घटनाओं के मामलों में 11.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। 2023 में जहां 1,460 हादसे हुए थे, वहीं 2024 में यह संख्या बढ़कर 1,630 हो गई। इन हादसों में मृतकों की संख्या 568 से बढ़कर 576 हो गई, वहीं घायलों की संख्या में 182 की वृद्धि हुई है।
सबसे अधिक हादसे वाले जिले
लखीमपुर खीरी सड़क हादसों में सबसे ऊपर है, इसके अलावा शामली, ललितपुर, श्रावस्ती और महोबा जैसे जिलों में भी हादसों की संख्या बढ़ी है।
- खीरी: 774 हादसे
- ललितपुर: 359 हादसे
- शामली: 270 हादसे
- महोबा: 237 हादसे
- श्रावस्ती: 139 हादसे
सबसे ज्यादा मौतें जिन जिलों में हुईं
- खीरी: 525 मौतें
- अम्बेडकरनगर: 221 मौतें
- ललितपुर: 163 मौतें
- शामली: 163 मौतें
- श्रावस्ती: 94 मौतें
दुर्घटनाओं में घायलों वाले जिले
- हरदोई: 751 घायल
- खीरी: 445 घायल
- अमेठी: 224 घायल
- ललितपुर: 229 घायल
- चंदौली: 186 घायल
सड़क सुरक्षा के सफल प्रयास वाले जिले
हालांकि, कुछ जिलों में सड़क हादसों को कम करने में सराहनीय काम किया गया है।
- भदोही: 21 प्रतिशत हादसे कम
- औरैया: मृतकों की संख्या में 20 प्रतिशत की कमी
- बलरामपुर: घायलों की संख्या में 25 प्रतिशत की कमी