महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या के मामले में नए खुलासे सामने आ रहे हैं। इस हत्याकांड के मुख्य आरोपी शिव कुमार गौतम ने अब बताया है कि सिद्दीकी पर गोलीबारी करने के बाद वह 30 मिनट तक लीलावती अस्पताल के बाहर खड़ा रहा।
गोलीबारी के बाद अस्पताल के बाहर क्यों खड़ा रहा आरोपी?
गौतम के अनुसार, वह अस्पताल के बाहर यह पता लगाने के लिए खड़ा था कि बाबा सिद्दीकी की मृत्यु हो गई या नहीं। उसने बताया कि गोलीबारी के तुरंत बाद उसने अपनी शर्ट बदल ली थी और 30 मिनट तक अस्पताल के बाहर भीड़ के बीच खड़ा रहा। जब उसे सिद्दीकी की गंभीर हालत का पता चला, तब वह वहां से चला गया।
हत्याकांड का विवरण
यह घटना 12 अक्टूबर की रात लगभग 9 बजकर 11 मिनट पर बांद्रा, मुंबई में हुई, जब 66 वर्षीय बाबा सिद्दीकी पर गोली चलाई गई। उन्हें सीने में दो गोलियां लगी थीं और उन्हें तुरंत लीलावती अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मृत्यु हो गई।
पहली योजना का विफल होना
गौतम के अनुसार, उसकी पहली योजना थी कि वह अपने साथियों धर्मराज कश्यप और गुरमेल सिंह से उज्जैन रेलवे स्टेशन पर मिलता, जहां बिश्नोई गिरोह का एक सदस्य उन्हें वैष्णो देवी ले जाने वाला था। हालांकि, यह योजना विफल हो गई, क्योंकि पुलिस ने कश्यप और सिंह को पकड़ लिया था।
मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी कैसे हुई?
मुंबई पुलिस के अनुसार, गौतम की देर रात चार दोस्तों के साथ फोन पर हुई बातचीत ने पुलिस का संदेह बढ़ाया। इसके बाद पुलिस ने उसे ट्रैक किया और नेपाल सीमा के पास से उसे गिरफ्तार कर लिया। मुंबई क्राइम ब्रांच और उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने संयुक्त अभियान में गौतम के साथ अनुराग कश्यप, ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी, आकाश श्रीवास्तव और अखिलेंद्र प्रताप सिंह को भी गिरफ्तार किया।