• सुलतानपुर में संपत्ति विवाद ने लिया हिंसक मोड़, पिता-पुत्र की हत्या से मचा हड़कंप
  • आरोपी अजय यादव ने पुलिस घेराबंदी के दौरान घर में खुद को मारी गोली
  • पुलिस के घर में घुसते ही कनपटी पर गोली मारकर की आत्महत्या
  • हत्या के बाद आत्महत्या की वारदात ने पुलिस की सक्रियता पर उठाए सवाल
  • मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर शुरू की जांच

सुलतानपुर जिले के कूरेभार थाना क्षेत्र के जुड़ापट्टी गांव में संपत्ति विवाद में पिता काशीराम और पूर्व प्रधान सत्य प्रकाश की हत्या के आरोपी अजय यादव ने मंगलवार की शाम खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। घटना उस समय हुई जब पुलिस की टीमें आरोपी अजय यादव के घर में घुसने का दावा कर रही थीं।

यह घटना पुलिस की निगरानी और सक्रियता पर गंभीर सवाल खड़े करती है, क्योंकि पुलिस द्वारा कथित घेराबंदी के बावजूद आरोपी आराम से घर तक पहुंचने में कामयाब रहा।

पूरा मामला:

बता दें कि रविवार को संपत्ति विवाद में अजय यादव ने अपने पिता काशीराम और भाई सत्य प्रकाश को गोली मारकर हत्या कर दी थी। पुलिस ने इस मामले में अजय यादव के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उसकी तलाश शुरू की थी। सूत्रों के मुताबिक, अजय ने पुलिस की घेराबंदी को धता बताते हुए सोमवार रात बुलेट से गांव पहुंचकर घर में घुसने के लिए चहारदीवारी फांदी।

पुलिस ने घर के पास ताला लगा रखा था, लेकिन अजय ने इस सुरक्षा को नजरअंदाज करते हुए घर में दाखिल हो गया। घटनास्थल पर अजय ने अपने छोटे भाई विजय यादव से रोते हुए अपने गुनाह पर पछतावा जताया और सरेंडर करने की नसीहत दी। हालांकि, पुलिस की घेराबंदी के बाद अजय ने पकड़े जाने के डर से पिस्टल से खुद को गोली मार ली।

मुख्य बिंदु:
  • आत्महत्या का घटनाक्रम: शाम 5 बजे पुलिस के घर में घुसने पर अजय ने कनपटी पर पिस्टल सटाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस ने घटनास्थल से पिस्टल भी बरामद की है।
  • पुलिस की लापरवाही: पुलिस ने पहले से ही घर में ताला लगाकर निगरानी का दावा किया था, लेकिन सुरक्षा व्यवस्था में चूक के कारण आरोपी ने घर तक पहुंचने में कामयाबी पाई।
  • परिवारिक स्थिति: अजय की पत्नी सुनीता और साला अरविंद यादव को पुलिस पहले ही जेल भेज चुकी है। इसके अलावा, आरोपी के बच्चों को ननिहाल भेज दिया गया है। अब सवाल यह उठता है कि 14 वर्षीय अभय और 9 वर्षीय आदित्य का पालनहार कौन बनेगा?
  • मेडिकल रिपोर्ट: पुलिस ने अजय को सीएचसी पहुंचाया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। अपर पुलिस अधीक्षक अखंड प्रताप सिंह और अन्य पुलिस अधिकारी घटनास्थल पर मौजूद थे। पुलिस का कहना है कि मामले में उच्च अधिकारी बयान देंगे, लेकिन आत्महत्या की पुष्टि हो चुकी है।

अब क्या होगा?

अजय की आत्महत्या के बाद अब एक और बड़ा सवाल यह खड़ा हो गया है कि उसके दो नाबालिग बच्चों का पालन-पोषण कौन करेगा। पुलिस की कार्रवाई और सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठने के साथ-साथ इस परिवार को भी न्याय मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।

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