- इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन का विरोध जारी, चौथे दिन भी हड़ताल पर रहेंगे वकील।
- देर रात हुई कार्यकारिणी बैठक में हड़ताल जारी रखने का फैसला।
- जस्टिस यशवंत वर्मा के तबादले को लेकर वकीलों में गहरा असंतोष।
- बार एसोसिएशन ने शपथ ग्रहण समारोह के बहिष्कार की भी घोषणा की।
- हाईकोर्ट में न्यायिक कार्य प्रभावित, वकीलों ने सरकार से तबादले पर पुनर्विचार की मांग की।
इलाहाबाद : जस्टिस यशवंत वर्मा के इलाहाबाद हाईकोर्ट में ट्रांसफर को लेकर विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है। इस मुद्दे पर इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने शपथ ग्रहण समारोह के बहिष्कार की घोषणा करते हुए अपनी हड़ताल जारी रखने का ऐलान किया है।
बार एसोसिएशन का कड़ा विरोध, हड़ताल जारी
बार एसोसिएशन की कार्यकारिणी की बैठक में यह फैसला लिया गया कि 28 मार्च 2025 को भारतीय न्याय व्यवस्था का काला दिन माना जाएगा। बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल तिवारी ने इस फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा,
“भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहा एक व्यक्ति इलाहाबाद हाईकोर्ट में शपथ लेने जा रहा है। जनता की आस्था का क्या होगा?”
हलफनामा केंद्र खोलने का ऐलान
बार एसोसिएशन ने आम जनता और वादियों को न्यायिक प्रक्रिया में किसी भी असुविधा से बचाने के लिए हलफनामा केंद्र खोलने की घोषणा की है।
1- वादियों को किसी भी परेशानी का सामना न करना पड़े, इसके लिए विशेष सुविधा दी जाएगी।
2- वरिष्ठ अधिवक्ताओं और पूर्व पदाधिकारियों को इस विरोध प्रदर्शन में शामिल होने का आह्वान किया गया है।
3- CJI और कॉलेजियम के फैसले का स्वागत, जिन्होंने जस्टिस वर्मा की न्यायिक शक्तियां वापस ले लीं।
जनता के न्याय के लिए संघर्ष जारी
इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने साफ कर दिया है कि यह विरोध केवल अधिवक्ताओं का नहीं, बल्कि आम जनता के न्याय और विश्वास की रक्षा के लिए किया जा रहा है। बार एसोसिएशन ने आगे भी इस मुद्दे पर न्यायिक और प्रशासनिक स्तर पर संघर्ष जारी रखने का संकल्प लिया है।
यह संघर्ष न्यायपालिका की निष्पक्षता और पारदर्शिता को बनाए रखने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।