- कचरे से समृद्धि: प्रयागराज में गीले कूड़े से बनेगी बायो सीएनजी और जैविक खाद।
- प्लांट क्षमता: प्रतिदिन 21.5 टन गैस और 209 टन जैविक खाद का उत्पादन।
- आर्थिक लाभ: नगर निगम को सालाना ₹53 लाख की अतिरिक्त कमाई।
- पर्यावरणीय क्रांति: कूड़े को सोने में बदलने की नई पहल।
- विशेष उद्घाटन: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करेंगे बायो सीएनजी प्लांट का शुभारंभ।
संगम नगरी प्रयागराज अब गीले कूड़े को संसाधित कर बायो सीएनजी और जैविक खाद का उत्पादन करेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नैनी में आधुनिक बायो सीएनजी प्लांट का उद्घाटन करेंगे। यह पहल न केवल पर्यावरण को संरक्षित करेगी, बल्कि नगर निगम की आय बढ़ाने में भी मददगार साबित होगी।
प्लांट की मुख्य विशेषताएं:
- उत्पादन क्षमता: प्लांट प्रतिदिन 21.5 टन बायो सीएनजी, 109 टन ठोस जैविक खाद और 100 टन तरल जैविक खाद का उत्पादन करेगा।
- कुल क्षमता: प्लांट की कुल क्षमता 343 टन प्रतिदिन उत्पादन की है।
- स्रोत: प्रयागराज शहर में घरों, होटलों, रेस्टोरेंट और मंदिरों से निकलने वाले 200 टन गीले कूड़े का उपयोग।
आर्थिक और पर्यावरणीय लाभ:
- आय: नगर निगम को सालाना ₹53 लाख की अतिरिक्त कमाई होगी।
- पुनर्चक्रण: जिस कचरे को फेंक दिया जाता था, वह अब ऊर्जा और खाद में बदलेगा।
- हरित पहल: प्लांट से पर्यावरणीय प्रदूषण में कमी आएगी।
प्लांट का निर्माण:
- स्थान: जहांगीराबाद में 12 एकड़ भूमि पर प्लांट का निर्माण।
- मोड: पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) के तहत प्लांट तैयार किया गया।
- निर्माण लागत: निर्माण में ₹80-85 करोड़ की लागत आई।
- निर्माण अवधि: प्लांट को एक वर्ष में तैयार किया गया।
- निर्माणकर्ता: दिल्ली की कंपनी द्वारा प्लांट का निर्माण।

डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन प्रणाली:
नगर निगम शहर से प्रतिदिन निकलने वाले 600 मीट्रिक टन कूड़े को एकत्रित करने के लिए डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन प्रणाली संचालित कर रहा है। इसके लिए तीन एजेंसियों को तैनात किया गया है।
नगर निगम की उपलब्धि:
नगर निगम के मुख्य अभियंता सतीश कुमार ने कहा, “गीले कूड़े से बायो सीएनजी और खाद बनाने की प्रक्रिया मंगलवार से शुरू हो जाएगी। यह प्लांट प्रयागराज और नगर निगम के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।”
पर्यावरण और स्वच्छता की दिशा में मील का पत्थर:
यह बायो सीएनजी प्लांट न केवल शहर को स्वच्छ और हरित बनाएगा, बल्कि यह कचरे को पुनर्चक्रित कर उपयोगी संसाधनों में बदलने की दिशा में एक बड़ी पहल है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा उद्घाटन के साथ, यह परियोजना एक प्रेरणा बनेगी।