- भ्रष्टाचार पर सीएम योगी की सख्त कार्रवाई, इन्वेस्ट यूपी के सीईओ अभिषेक प्रकाश सस्पेंड।
- सौर ऊर्जा संयंत्र के लिए रिश्वत मांगने के आरोप में प्रथमदृष्टया दोषी पाए गए अभिषेक प्रकाश।
- अब तक 11 IAS अधिकारियों पर गिरी गाज, भ्रष्टाचार के मामलों में हो चुकी है निलंबन की कार्रवाई।
- योगी सरकार का साफ संदेश: भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों पर होगी कड़ी कार्रवाई।
- सरकार की कड़ी निगरानी जारी, भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन के लिए सख्त कदम उठाए जा रहे हैं।
लखनऊ – उत्तर प्रदेश सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति के तहत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ा एक्शन लेते हुए 2006 बैच के आईएएस अधिकारी अभिषेक प्रकाश को निलंबित कर दिया है। उन पर सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने के लिए रिश्वत मांगने का आरोप था, जिसकी जांच में उन्हें प्रथमदृष्टया दोषी पाया गया। सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि भ्रष्टाचार में लिप्त किसी भी अधिकारी को बख्शा नहीं जाएगा।
अब तक 11 आईएएस अधिकारियों पर गिरी गाज
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भ्रष्टाचार-विरोधी नीति के तहत अब तक 11 आईएएस अधिकारियों पर कार्रवाई की जा चुकी है, हालांकि इनमें से कुछ अधिकारियों को जांच के बाद बहाल भी किया गया है।
हाल ही में निलंबित किए गए आईएएस अधिकारी:
- अभिषेक प्रकाश (2006 बैच) – इन्वेस्ट यूपी के सीईओ रहते रिश्वत मांगने के आरोप में निलंबन।
- घनश्याम सिंह (2014 बैच) – लखीमपुर खीरी में खेत की पैमाइश लटकाने के आरोप में 13 नवंबर 2024 को निलंबन, अब बहाल।
- देवीशरण उपाध्याय (2012 बैच) – अलीगढ़ में 35 भूखंडों के पट्टों में धांधली के आरोप में जुलाई 2024 में निलंबन।
- टीके शीबू (2012 बैच) – सोनभद्र के डीएम रहते भूखंड आवंटन में अनियमितता के आरोप में 31 मार्च 2022 को निलंबन, अब बहाल।
- सुनील कुमार वर्मा – औरैया के डीएम रहते पद के दुरुपयोग और भ्रष्टाचार के आरोप में निलंबन, अब बहाल।
- देवेन्द्र कुमार पांडेय (2011 बैच) – उन्नाव के डीएम रहते बेसिक शिक्षा विभाग की खरीद में वित्तीय अनियमितता के आरोप में निलंबन, अब बहाल।
- अमरनाथ उपाध्याय (2011 बैच) – महाराजगंज के डीएम रहते गो-संरक्षण केंद्रों के बजट में धांधली के आरोप में निलंबन, अब बहाल।
- केदारनाथ सिंह – पर्यटन विभाग में भ्रष्टाचार के आरोप में निलंबन।
- शारदा सिंह – चकबंदी आयुक्त रहते ओबीसी कोटे में भर्ती में गड़बड़ी के आरोप में निलंबन।
- जितेंद्र बहादुर सिंह – डीएम गोंडा रहते सरकारी अनाज घोटाले के आरोप में निलंबन (अब सेवानिवृत्त)।
- कुमार प्रशांत (2010 बैच) – फतेहपुर के डीएम रहते सरकारी गेहूं खरीद में धांधली के आरोप में निलंबन, अब बहाल।
भ्रष्टाचार पर योगी सरकार का सख्त संदेश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट किया है कि सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ किसी भी स्तर पर समझौता नहीं करेगी। दोषी पाए गए अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी और यूपी को एक पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन देने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे।