- पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का निधन:
26 दिसंबर 2024 की रात 9:51 बजे दिल्ली के एम्स में डॉक्टरों ने उनके निधन की पुष्टि की। - 92 वर्ष की आयु में ली अंतिम सांस:
लंबे समय से रेस्पिरेटरी डिजीज और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे। - देशभर में शोक की लहर:
उनकी मृत्यु पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस और अन्य राजनीतिक दलों ने गहरा दुख व्यक्त किया। - एम्स में भर्ती:
रात करीब 8 बजे मनमोहन सिंह को एम्स लाया गया था। - भारत के लिए अपूरणीय क्षति:
डॉ. मनमोहन सिंह के निधन को देश के लिए एक युग का अंत और बड़ी क्षति बताया जा रहा है।
डॉ. मनमोहन सिंह लंबे समय से रेस्पिरेटरी डिजीज से जूझ रहे थे। यह बीमारी सांस से जुड़ी गंभीर समस्या है, जिसमें मरीज को सांस लेने में कठिनाई होती है। उनकी इस बीमारी का कारण लंग्स इंफेक्शन, स्मोकिंग, एयर पॉल्यूशन और अन्य पर्यावरणीय कारण बताए जा रहे हैं।
डॉ. मनमोहन सिंह ने अपने जीवन में कई स्वास्थ्य समस्याओं का सामना किया। साल 1990 में उन्होंने अपनी पहली बायपास सर्जरी करवाई थी, जब उनके दिल में ब्लॉकेज का पता चला था। इसके बाद 2003 में उन्होंने एंजियोप्लास्टी भी करवाई थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है और इसे देश के लिए एक बड़ी क्षति बताया है। कांग्रेस और अन्य राजनीतिक दलों के नेताओं ने भी उनके योगदान को याद करते हुए संवेदनाएं व्यक्त की हैं।
डॉ. मनमोहन सिंह न केवल एक महान अर्थशास्त्री और दूरदर्शी नेता थे, बल्कि उन्होंने अपने नेतृत्व में भारत को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। उनका योगदान देश की प्रगति के लिए हमेशा याद किया जाएगा।
रेस्पिरेटरी डिजीज से जुड़ी जानकारी:
रेस्पिरेटरी डिजीज मुख्यतः फेफड़ों को प्रभावित करती है और सांस लेने में कठिनाई का कारण बनती है। इसके कारणों में लंग्स इंफेक्शन, प्रदूषण, धूम्रपान और पैसिव स्मोकिंग जैसे कारक शामिल हैं। यह बीमारी समय पर इलाज न मिलने पर गंभीर रूप धारण कर सकती है।
डॉ. मनमोहन सिंह का निधन भारत के राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्र में एक युग के अंत को दर्शाता है। उनका योगदान और उनकी सादगी हमेशा प्रेरणा का स्रोत बने रहेंगे।