लखनऊ नगर निगम में भ्रष्टाचार की घटनाओं को रोकने और कर्मचारियों की कार्यक्षमता को बेहतर बनाने के उद्देश्य से नगर आयुक्त ने कड़ा कदम उठाया है। वर्षों से तैनात कुछ कर्मचारियों द्वारा अपने कर्तव्यों की उपेक्षा करते हुए रिश्वतखोरी में लिप्त होने की शिकायतें प्राप्त हो रही थीं। इन गतिविधियों के कारण सरकार की छवि पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा था।
इन गंभीर शिकायतों पर संज्ञान लेते हुए नगर आयुक्त ने फील्ड में उतरकर स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने मौके पर ही दोषी कर्मचारियों को कड़ी फटकार लगाई और उनकी जिम्मेदारियों का महत्व समझाया। नगर आयुक्त ने स्पष्ट संदेश दिया कि भ्रष्टाचार किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
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नगर आयुक्त ने कहा,
“हमारा उद्देश्य नगर निगम को पारदर्शी और जवाबदेह बनाना है। जो भी कर्मचारी अपने कर्तव्यों का पालन नहीं करेंगे और जनता के अधिकारों का हनन करेंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
इस कार्रवाई का उद्देश्य न केवल भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाना है, बल्कि यह सुनिश्चित करना भी है कि नगर निगम की सेवाएं नागरिकों तक बिना किसी बाधा के पहुंचें। नगर आयुक्त ने सभी कर्मचारियों से ईमानदारी और समर्पण के साथ कार्य करने की अपील की है।
लखनऊ नगर निगम भ्रष्टाचार मुक्त और नागरिकों की सेवा के प्रति समर्पित प्रशासन की दिशा में अग्रसर है।