- फर्जी डॉक्टर की पहचान: नरेंद्र यादव, खुद को कार्डियोलॉजिस्ट बताकर कर रहा था हार्ट सर्जरी
- गिरफ्तारी स्थान: प्रयागराज से किया गया गिरफ्तार
- घटना स्थल: दमोह (मध्य प्रदेश) के एक मिशनरी अस्पताल में दे रहा था सेवाएं
- मौत का आंकड़ा: सात मरीजों की संदिग्ध परिस्थितियों में गई जान
- शिक्षा प्रमाण पत्र की जांच: मेडिकल डिग्री और योग्यता संदिग्ध पाई गई
- पुलिस जांच जारी: मामले की गहराई से जांच में जुटी पुलिस, अस्पताल प्रशासन पर भी सवाल
- संभावित आरोप: हत्या, धोखाधड़ी और मेडिकल एक्ट का उल्लंघन
दमोह के मिशन अस्पताल में सात हार्ट मरीजों की मौत के बाद फरार चल रहे फर्जी डॉक्टर नरेंद्र यादव उर्फ नरेंद्र जॉन कैम को प्रयागराज से गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोपी ने खुद को लंदन के प्रसिद्ध कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. एन जॉम केम बताकर न केवल अस्पताल में प्रैक्टिस की, बल्कि 15 हार्ट सर्जरी भी कीं, जिनमें से सात मरीजों की जान चली गई।
गिरफ्तारी का विवरण:
प्रयागराज क्राइम ब्रांच और दमोह पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में सोमवार को आरोपी को धर दबोचा गया। दमोह के एसपी श्रुत कीर्ति सोमवंशी ने बताया कि आरोपी को जल्द ही कोर्ट में पेश किया जाएगा और उससे विस्तृत पूछताछ की जाएगी।
क्या है मामला:
- आरोपी ने फर्जी डिग्री के जरिए खुद को कार्डियोलॉजिस्ट बताकर अस्पताल में नियुक्ति पाई।
- दमोह के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) एम. के. जैन की शिकायत के आधार पर जालसाजी और धोखाधड़ी की धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
- प्रारंभिक जांच में आरोपी की मेडिकल डिग्री को फर्जी पाया गया।
- मौतों और डिग्री की जांच रिपोर्ट जबलपुर मेडिकल कॉलेज को सौंपी गई है, जिनके निष्कर्षों पर आगे की कार्रवाई होगी।
आगे की कार्रवाई:
पुलिस आरोपी से मिशन अस्पताल में हुई मौतों, इलाज की प्रक्रिया, और फर्जी सर्टिफिकेट्स की प्राप्ति सहित तमाम पहलुओं पर पूछताछ करेगी। साथ ही अस्पताल प्रबंधन की भूमिका भी जांच के दायरे में लाई जाएगी।