- गुजरात में Congo Fever से पहली मौत, स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी किया।
- Congo Fever के लक्षण: तेज बुखार, उल्टी और त्वचा पर छोटे-छोटे दाने।
- स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने सतर्क रहने और आवश्यक बचाव उपाय अपनाने की दी सलाह।
- अब तक इस बुखार की कोई आधिकारिक दवा उपलब्ध नहीं, रोकथाम ही एकमात्र उपाय।
- संक्रमण से बचाव के लिए साफ-सफाई का ध्यान रखें और टिक (कीट) के संपर्क से बचें।
राज्य में कांगो बुखार (क्राइमेन-कांगो हेमोरेजिक फीवर – CCHF) का मामला सामने आया है, जिससे एक 51 वर्षीय व्यक्ति की मृत्यु हो गई। यह गंभीर बीमारी CCHF वायरस के कारण होती है और मुख्य रूप से टिक्स (कीट) के माध्यम से फैलती है। इस घटना के बाद स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी कर दिया है और नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह दी है।
कांगो बुखार के लक्षण:
- अचानक तेज़ बुखार – जो लंबे समय तक बना रह सकता है।
- सिरदर्द – गंभीर और लगातार बना रहने वाला।
- मांसपेशियों में दर्द – पूरे शरीर में असहनीय दर्द।
- उल्टी और दस्त – गंभीर स्थिति में खून की उल्टी भी हो सकती है।
- त्वचा पर दाने – शरीर पर छोटे-छोटे लाल चकत्ते या रैशेज़ आ सकते हैं।
बचाव और सावधानियां:
- टिक्स (कीट) से बचाव – जंगल, खेत या खुले इलाकों में जाते समय पूरे शरीर को ढकें।
- कीटनाशकों का उपयोग – कीटों को दूर रखने के लिए कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करें।
- स्वच्छता बनाए रखें – व्यक्तिगत और आसपास के वातावरण की सफाई का ध्यान रखें।
- संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाएं – किसी भी संदिग्ध व्यक्ति के संपर्क में आने से बचें और आवश्यक सुरक्षा उपाय अपनाएं।
- लक्षण दिखने पर तुरंत इलाज कराएं – किसी भी लक्षण के दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
स्वास्थ्य विभाग की अपील:
चूंकि कांगो बुखार की कोई आधिकारिक दवा या वैक्सीन उपलब्ध नहीं है, इसलिए बचाव ही इसका सबसे प्रभावी उपाय है। राज्य के नागरिकों को सतर्क रहने, स्वास्थ्य निर्देशों का पालन करने और किसी भी संदिग्ध लक्षण की स्थिति में तुरंत चिकित्सा सहायता लेने की अपील की गई है।