योगी सरकार ने अपने 746 कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों (केजीबीवी) में पढ़ने वाली लगभग 1,10,000 छात्राओं की सुरक्षा और शैक्षणिक गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए अभूतपूर्व कदम उठाया है। कुल 161 करोड़ रुपये की इस महत्वाकांक्षी योजना में प्रत्येक विद्यालय की चारों ओर 8 फ़ीट ऊँची, 9 इंच मोटी ‘किलानुमा बाउंड्री वॉल’ के ढाई मीटर ऊपर तक 1,01,906 मीटर रनिंग कंटीले तार दौड़ाए जाएंगे तथा 7,230 उच्च-गुणवत्ता वाले सीसीटीवी कैमरों से 24×7 पूर्ण निगरानी की व्यवस्था की जाएगी।

लखनऊ स्थित नियंत्रण कक्ष से संचालित इस आधुनिक सुरक्षा तंत्र के माध्यम से मिड-डे मील से लेकर कक्षा-अधिगम तक हर गतिविधि पर पैनी नजर रखी जाएगी, ताकि कोई भी लापरवाही न रह सके और शिक्षिकाओं एवं अधिकारियों की जवाबदेही सुनिश्चित की जा सके।

इस पहल को योगी सरकार के उस ‘किलानुमा’ कवच के रूप में देखा जा रहा है, जहाँ पर बेटियां निडर उड़ान भर सकेंगी और अपने सपनों की ऊँचाइयाँ छू सकेंगी। इतना ही नहीं, अब योगी सरकार की सुरक्षा के बीच केजीबीवी की बालिकाओं की खिलखिलाहट बढ़ेगी और उनमें सशक्त सुरक्षा के वातावरण में आत्मविश्वास भी जगेगा। चाहे वह खेल हो या पढ़ाई, बालिकाएं पूरी तरह सुरक्षित रहेंगी।

किलानुमा बाउंड्री वॉल व बारब्ड वायर
प्रत्येक विद्यालय की चारों ओर निर्मित बाउंड्री वॉल को सेना के प्रतिष्ठानों जैसी मजबूती दी जाएगी। 8 फ़ीट ऊँची और 9 इंच मोटी इन दीवारों पर कुल 1,01,906 मीटर रनिंग कंटीले तार दौड़ाए जाएंगे, जिनकी लागत 121 करोड़ रुपये है। सरकार के माध्यम से विकसित यह किलानुमा संरचना बाहरी हस्तक्षेप को पूरी तरह नाकारा कर देगी और छात्राओं के आवासीय परिसर को पूर्णतः सुरक्षित बनाएगी।

सीसीटीवी नेटवर्क और नियंत्रण कक्ष
इतना ही नहीं, 40 करोड़ रुपये से राज्यभर में कुल 7,230 उच्च-रिज़ॉल्यूशन वाले सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। प्रत्येक विद्यालय में प्रवेश द्वार के दोनों ओर तथा मुख्य बाउंड्री वॉल समेत विद्यालय में तैनात कुल 15 कैमरे, कार्यालय, डायनिंग हॉल, किचन और खेल के मैदान तक हर कोने को कवर करेंगे। इन कैमरों की फ़ीड लखनऊ में स्थापित विशेष नियंत्रण कक्ष में जाएगी, जो यूपी बोर्ड परीक्षा निगरानी कक्ष की तर्ज पर काम करेगा। इसमें बैठा स्टाफ रियल-टाइम में क्लास अध्यापन, मिड-डे मील की तैयारी एवं वितरण, सफाई व्यवस्था और परिसर में होने वाली सभी गतिविधियों का विश्लेषण करेगा।

जवाबदेही और पारदर्शिता
निगरानी के इस तंत्र से न केवल शिक्षिकाओं और किचेन स्टाफ की जवाबदेही बढ़ेगी, बल्कि निरीक्षण के लिए जाने वाले अधिकारियों को भी किसी तरह की गलत रिपोर्टिंग या लापरवाही की गुंजाइश नहीं मिलेगी। स्वतंत्र ऑडिट और रियल-टाइम रिकॉर्डिंग के आधार पर शैक्षिक गुणवत्ता तथा सुरक्षा मानकों की त्रैमासिक समीक्षा सुनिश्चित की जाएगी।

कार्यान्वयन का समय-निर्धारण
सरकार का लक्ष्य है कि इस सुरक्षा परियोजना को इसी वित्तीय वर्ष में पूर्णतः लागू कर दिया जाए। चरणबद्ध तरीके से उत्तर प्रदेश के ग्राम्य और पिछड़े जिलों के साथ शहरी क्षेत्र के विद्यालयों में किलानुमा बाउंड्री वॉल तथा सीसीटीवी इंस्टॉलेशन शुरू हो गया है।

कोट
“हमारी सरकार का सर्वोच्च लक्ष्य है कि हर छात्रा निडर, सुरक्षित और सशक्त महसूस करे। ‘किलानुमा’ सुरक्षा कवच के माध्यम से हमने न केवल केजीबीवी की चारदीवारी को मजबूती प्रदान की है, बल्कि इन बेटियों के आत्मविश्वास और बेहतर शिक्षा के अवसरों को भी संरक्षित किया है। लखनऊ स्थित नियंत्रण कक्ष से 24×7 निगरानी से हर गतिविधि की पारदर्शिता सुनिश्चित होगी, जिससे हमारी शिक्षा प्रणाली में नए आयाम जुड़ेंगे।”

  • संदीप सिंह, बेसिक शिक्षा मंत्री उत्तर प्रदेश

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