वज्रपात से होने वाली मौतों के मामले में देश के अन्य राज्यों की अपेक्षा उत्तर प्रदेश सबसे सुरक्षित राज्य है। उत्तर प्रदेश में वज्रपात से मृत्यु दर प्रति लाख आबादी पर महज 0.14 है। जो कर्नाटक (0.15), बिहार (0.31), मध्य प्रदेश (0.31), झारखंड (1.01) और उड़ीसा (0.35) से काफी कम है। ये आंकड़े योगी आदित्यनाथ सरकार की आपदा प्रबंधन नीतियों और जनजागरूकता अभियानों की सफलता को दर्शाते हैं।

झारखंड से 7 गुना सुरक्षित, उड़ीसा-मप्र से भी आगे
तुलनात्मक आंकड़े बताते हैं कि उत्तर प्रदेश वज्रपात के मामले में पड़ोसी राज्यों से कहीं अधिक सुरक्षित है। जहां झारखंड में प्रति लाख पर मृत्यु दर 1.01 है, वहीं उत्तर प्रदेश में यह आंकड़ा उसके मुकाबले लगभग 7 गुना कम है। इसी तरह बिहार, मध्य प्रदेश और ओडिशा जैसे राज्यों की तुलना में भी यूपी की स्थिति काफी बेहतर है। विशेषज्ञों का मानना है कि मौसम पूर्वानुमान प्रणाली और ग्रामीण क्षेत्रों में त्वरित चेतावनी के उपायों से यह सफलता मिली है।

जागरूकता ने बदली यूपी की तस्वीर
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राज्य सरकार ने वज्रपात से निपटने के लिए समग्र रणनीति बनाई। गांव गांव तक मौसम अपडेट पहुंचाने, शेल्टर होम्स का निर्माण और आकाशीय बिजली से बचाव विषय पर जन-जागरूकता अभियान चलाया गया। आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से ग्रामीणों को पेड़ों से दूर रहने और सुरक्षित स्थानों पर शरण लेने की ट्रेनिंग दी गई, जिसका सीधा असर दिख रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में नवीन टेक्नोलॉजी का उपयोग करने से यूपी मॉडल अब अन्य राज्यों के लिए भी मिसाल बन सकता है।

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