- गाजियाबाद के राजनगर एक्सटेंशन में बीते महीने निर्माणाधीन साइटों पर हुए हादसों में तीन मजदूरों की मौत।
- राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने मामले पर सख्त रुख अपनाते हुए पुलिस से जवाब मांगा।
- शिकायत न मिलने पर भी पुलिस ने स्वतः संज्ञान लेकर लापरवाही या गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज नहीं किया।
- NHRC ने गाजियाबाद पुलिस को नोटिस जारी कर 15 दिन में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।
- मजदूरों की मौत पर प्रशासन की कार्यशैली पर उठे सवाल, जांच की मांग तेज।
गाजियाबाद के राजनगर एक्सटेंशन में फरवरी माह में चार दिन के अंदर तीन मजदूरों की मौत के मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने पुलिस से जवाब तलब किया है। मानव अधिकार कार्यकर्ता राजीव कुमार शर्मा द्वारा दायर जनहित याचिका पर कार्रवाई करते हुए NHRC ने गाजियाबाद पुलिस को नोटिस जारी कर 15 दिन के भीतर जांच रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं।
पुलिस पर गैरजिम्मेदार रवैये के आरोप
शिकायतकर्ता राजीव कुमार शर्मा ने आरोप लगाया कि गाजियाबाद पुलिस ने बिल्डरों और ठेकेदारों के खिलाफ उचित कार्रवाई नहीं की और शिकायत न मिलने का हवाला देकर लापरवाही या गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज नहीं किया।
राजीव कुमार शर्मा के अनुसार, नियमों के तहत पुलिस को मृतकों के स्वजन की शिकायत का इंतजार किए बिना स्वतः संज्ञान लेकर कार्रवाई करनी चाहिए थी। विशेष रूप से, नाबालिग की मौत के मामले में श्रम कानूनों के तहत भी कार्रवाई होनी चाहिए थी।
NHRC का आदेश: 15 दिन में दें रिपोर्ट
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने 19 फरवरी को दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए गाजियाबाद पुलिस को 15 दिन के भीतर जांच पूरी कर रिपोर्ट सौंपने के आदेश दिए हैं। आयोग ने मामले को गंभीर मानते हुए निष्पक्ष जांच की आवश्यकता बताई है।
दूसरा मामला: मजदूर ने भुगतान न मिलने पर जलाई बाइक
गाजियाबाद के आर्य नगर में एक अन्य घटना में, एक मजदूर ने ठेकेदार द्वारा मजदूरी का भुगतान न किए जाने से नाराज होकर गलती से एक पड़ोसी की बाइक को आग के हवाले कर दिया। घटना CCTV में कैद हो गई, जिसके बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
बाइक जलाने की पूरी घटना
- आर्य नगर निवासी मनोज खुराना प्रॉपर्टी डीलर हैं, जिनके पड़ोस में लोकेश त्यागी के भवन निर्माण कार्य चल रहा था।
- मालीवाड़ा निवासी ठेकेदार पप्पू के लिए काम करने वाला अनिल नामक मजदूर रविवार को शटरिंग का काम करने आया, लेकिन 200 रुपये लेकर चला गया।
- बाद में जब उसने और पैसे मांगे और ठेकेदार ने मना कर दिया, तो गुस्से में उसने निर्माणाधीन भवन के पास खड़ी बाइक को पेट्रोल निकालकर आग लगा दी।
- आग की लपटें इतनी तेजी से फैलीं कि बाइक पूरी तरह जल गई।
- आसपास के लोगों ने आरोपी को रंगे हाथ पकड़ लिया और पुलिस को सौंप दिया। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

राजनगर एक्सटेंशन में निर्माणाधीन साइटों पर मजदूरों की मौत और पुलिस की निष्क्रियता पर NHRC का सख्त रुख प्रशासन पर सवाल खड़े कर रहा है। वहीं, आर्य नगर की घटना से यह स्पष्ट होता है कि मजदूरों की स्थिति और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है।
अब देखना होगा कि गाजियाबाद पुलिस NHRC के निर्देशों का पालन करते हुए कितनी जल्दी जांच रिपोर्ट पेश करती है और इस मामले में क्या कार्रवाई की जाती है।