लखनऊ स्थित पंचायती राज निदेशालय में आज पंचायती राज मंत्रालय, भारत सरकार के अपर सचिव श्री सुशील कुमार लोहानी ने मंत्रालय द्वारा संचालित योजनाओं और राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान (RGSA) के अंतर्गत चल रहे प्रशिक्षण कार्यक्रमों की समीक्षा बैठक की। इस अवसर पर निदेशक पंचायती राज श्री अमित कुमार सिंह सहित विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
बैठक में संबोधन करते हुए श्री लोहानी ने कहा कि ग्राम पंचायतें लोकतंत्र की आधारशिला हैं और ग्रामीण भारत के सर्वांगीण विकास के लिए उनका सशक्तिकरण अनिवार्य है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से पंचायत प्रतिनिधियों और कर्मचारियों को दक्ष और सक्षम बनाया जाए, ताकि योजनाओं का लाभ सीधे ग्राम स्तर तक पहुँचे।
ग्राम सचिवालय और आधार सेवा की सराहना
अपर सचिव ने योजनाओं की समीक्षा करते हुए कहा कि ग्राम सचिवालयों की स्थापना ग्रामीण जनता को सरकारी सेवाएँ पास पहुँचाने का प्रभावी माध्यम है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि ग्राम पंचायतों में आधार सेवा की शुरुआत एक ऐतिहासिक कदम है, जिससे ग्रामीणों की पहचान और सरकारी सेवाओं तक पहुँच आसान हुई है।
RGSA और मानव संपदा पोर्टल का उद्घाटन
उन्होंने पंचायती राज प्रशिक्षण संस्थान में RGSA योजना के तहत संचालित मानव संपदा पोर्टल प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन किया। उन्होंने प्रतिभागियों से कहा कि पंचायतें पंचायत एडवांसमेंट इंडेक्स पोर्टल का उपयोग करके अपनी प्रगति का आकलन करें और सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) को 2030 तक प्राप्त करने में योगदान दें।

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पारदर्शिता और तकनीक पर जोर
श्री लोहानी ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में पारदर्शिता, जवाबदेही और सेवा-भाव को बढ़ाने के लिए तकनीक और नवाचार का अधिकतम उपयोग किया जाना चाहिए। उन्होंने विश्वास जताया कि उत्तर प्रदेश की ग्राम पंचायतें आने वाले समय में अन्य राज्यों के लिए आदर्श मॉडल बनकर सामने आएँगी।
बैठक के उपरांत, श्री लोहानी ने पंचायती राज विभाग उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव श्री अनिल कुमार से भेंट की और विभागीय योजनाओं एवं भविष्य की प्राथमिकताओं पर विस्तृत चर्चा की।
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