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“धूप में कितनी देर बैठना है विटामिन-D की कमी को पूरा करने के लिए? यहां है पूरी जानकारी”

  • विटामिन-डी की कमी से हड्डियां कमजोर हो सकती हैं।
  • विटामिन-डी की कमी से अन्य स्वास्थ्य समस्याएं भी हो सकती हैं।
  • धूप है विटामिन-डी का सबसे अच्छा और प्राकृतिक स्रोत।

विटामिन-डी, जिसे अक्सर ‘सूरज का विटामिन’ या ‘सनशाइन विटामिन’ कहा जाता है, हमारे शरीर के लिए अत्यंत आवश्यक है। यह हड्डियों को मजबूत बनाने, इम्यून सिस्टम को बढ़ावा देने और कई अन्य शारीरिक कार्यों के लिए आवश्यक है।

विटामिन-डी का महत्व:

  • हड्डियों का स्वास्थ्य – विटामिन-डी कैल्शियम के अवशोषण में मदद करता है, जिससे हड्डियां और दांत मजबूत बनते हैं। इसकी कमी से ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारियां हो सकती हैं।
  • इम्यून सिस्टम – यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर संक्रमण से बचाने में सहायक है।
  • मानसिक स्वास्थ्य – विटामिन-डी की कमी डिप्रेशन और मूड स्विंग्स जैसी समस्याओं का कारण बन सकती है।
  • हृदय स्वास्थ्य – यह रक्तचाप को नियंत्रित करने और हृदय रोगों के खतरे को कम करने में सहायक है।
  • थायरॉइड स्वास्थ्य – इसकी कमी से थायरॉइड ग्रंथि की कार्यक्षमता प्रभावित हो सकती है।

धूप: विटामिन-डी का सर्वोत्तम स्रोत
जब हमारी त्वचा सूर्य की अल्ट्रावायलेट किरणों के संपर्क में आती है, तो शरीर कोलेस्ट्रॉल को विटामिन-डी में बदलना शुरू कर देता है। यह विटामिन-डी फिर लिवर और किडनी में सक्रिय होकर शरीर के लिए उपयोगी बनता है।

धूप में बैठने की सही अवधि
विटामिन-डी का उत्पादन विभिन्न कारकों पर निर्भर करता है:

  • त्वचा का रंग – गहरी त्वचा वाले लोगों को अधिक समय तक धूप में रहने की आवश्यकता होती है।
  • स्थान – भूमध्य रेखा के पास रहने वाले लोगों को कम समय धूप में बैठने की जरूरत होती है।
  • मौसम – सर्दियों में सूर्य की किरणें कम प्रभावी होती हैं।
  • उम्र – बढ़ती उम्र के साथ विटामिन-डी का उत्पादन कम होता जाता है।

स्वस्थ वयस्कों को सप्ताह में कुछ दिनों 10-30 मिनट तक सुबह 10 बजे से पहले धूप में बैठना चाहिए। सनस्क्रीन UVB किरणों को रोकता है, जो विटामिन-डी उत्पादन के लिए आवश्यक हैं, इसलिए थोड़ी देर के लिए बिना सनस्क्रीन के धूप में बैठना उचित है।

विटामिन-डी के अन्य स्रोत:

  • आहार – मछली (खासतौर पर फैटी फिश), अंडे, मशरूम और दूध में विटामिन-डी पाया जाता है।
  • सप्लीमेंट्स – अगर प्राकृतिक रूप से विटामिन-डी नहीं मिल पा रहा है, तो डॉक्टर की सलाह पर सप्लीमेंट्स लिए जा सकते हैं।

विटामिन-डी की कमी के लक्षण:

  • थकान
  • हड्डियों में दर्द
  • मांसपेशियों में कमजोरी
  • डिप्रेशन
  • घाव भरने में देरी

हालांकि, धूप विटामिन-डी का सबसे अच्छा स्रोत है, लेकिन ज्यादा समय तक धूप में रहने से त्वचा कैंसर का खतरा बढ़ सकता है। इसलिए, उचित मात्रा में धूप लेना आवश्यक है। यदि आपको विटामिन-डी की कमी के लक्षण महसूस होते हैं, तो तुरंत अपने डॉक्टर से परामर्श लें।

Disclaimer: यह प्रेस विज्ञप्ति केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है। इसमें दी गई सलाह किसी भी चिकित्सा परामर्श का विकल्प नहीं है। किसी भी स्वास्थ्य संबंधी समस्या के लिए डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें।

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