कानपुर – कानपुर के वर्षो पुराने जरीब चौकी मार्केट के व्यापारियों के चेहरों पर जहाँ एक तरह जाम से मुक्ति की खुशी थी तो वहीं दूसरी तरफ़ कारोबारियों के चेहरे पर चिंता और आंखों में आंसुओं की नमी साफ दिख रही थी। मंगलवार की शाम, नित्येश्वर शिव मंदिर में सैकड़ों व्यापारियों ने एक साथ हनुमान चालीसा का पाठ किया, जैसे उनकी आस्था ही अब आखिरी सहारा हो। व्यापारी उस प्रस्तावित टी-टाइप ओवरब्रिज का विरोध कर रहे हैं, जो उनके लिए न केवल कारोबार, बल्कि पीढ़ियों की मेहनत और सपनों को तबाह करने का खतरा बनकर सामने खड़ा है। जरीब चौकी बाजार, जहां लकड़ी, प्लाई और फर्नीचर का कारोबार सालाना 2000 करोड़ रुपये की अर्थव्यवस्था को संभाले हुए है, अब खतरे में नज़र आ रहा है।
इस पीड़ा के साथ व्यापारियों ने भाजपा सांसद रमेश अवस्थी से मुलाकात की और उन्हें अपनी पीड़ा सुनाई। ऐसे में सभी व्यापारियों के दिल से निकली एक ही पुकार थी- “हमारी रोजी-रोटी बचाओ।” भारतीय उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमंडल के प्रदेश अध्यक्ष ज्ञानेश मिश्रा ने भावुक स्वर में कहा, “हम रेलवे के विकास के खिलाफ नहीं हैं। अनवरगंज से मंधना तक एलिवेटेड ट्रैक बनने से हमें कोई आपत्ति नहीं, लेकिन जरीब चौकी क्रॉसिंग पर यह ओवरब्रिज हमारी जिंदगी उजाड़ देगा। दुकानें बंद होंगी, परिवार भूखे मरेंगे।” उन्होंने सुझाव दिया कि अगर एलिवेटेड ट्रैक को क्रॉसिंग से 300 मीटर आगे उतारकर नीचे से रास्ता खोल दिया जाए, तो ओवरब्रिज की जरूरत ही खत्म हो जाएगी। इससे न विकास रुकेगा, न ही व्यापारियों की जिंदगी बर्बाद होगी।
हनुमान चालीसा के पाठ में शामिल हर व्यापारी की आंखों में डर था- अपने बच्चों के भविष्य का, अपने परिवार की रोटी का। जिलाध्यक्ष गुरुजिंदर सिंह, अरुण पांडे, गोविंद गुप्ता, सुरेश त्रिपाठी, एसएन गुप्ता, संजय गुप्ता, अजय गुप्ता जैसे सैकड़ों व्यापारी एकजुट होकर “व्यापारी एकता जिंदाबाद” का नारा लगा रहे थे। उनकी आवाज में दर्द था, लेकिन हौसला भी कि वे अपनी मेहनत की कमाई को यूं नहीं डूबने देंगे।
1,200 से ज्यादा व्यापारियों ने रेल मंत्री को ज्ञापन भेजकर डिजाइन में बदलाव की गुहार लगाई। मंदिर के बाहर खड़े एक बुजुर्ग व्यापारी ने कहा, “यह बाजार हमारी जिंदगी है। अगर यह खत्म हुआ, तो हम कहां जाएंगे?” पुलिस ने शांति बनाए रखने के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए, लेकिन व्यापारियों का गुस्सा और दर्द हर किसी को झकझोर रहा था। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगें न मानी गईं, तो यह आंदोलन और तेज होगा।