विश्व का सबसे बड़ा समागम तीर्थों के राजा प्रयागराज की धरती पर 13 जनवरी 2025 से आयोजित होने जा रहा है ।ऐसे में महाकुंभ की तैयारियां तेज हो गई हैं।
प्रयागराज मेला प्राधिकरण की ओर से अखाड़ों को भूमि आवंटन के बाद अब संगम की रेती पर तंबुओं का शहर आबाद होना शुरू हो गया है। हालांकि परंपरा के मुताबिक शिविर लगाने से पहले अखाड़ों की ओर से भूमि पूजन भी किया जा रहा है।
इसी कड़ी में किन्नर अखाड़े ने भी सेक्टर 16 के लोअर भारद्वाज मार्ग पर शिविर लगाने का कार्य शुरू करने से पहले विधिवत भूमि पूजन किया है। किन्नर अखाड़े के महामंडलेश्वरों और किन्नर संतों ने विधि विधान से वैदिक मंत्रोच्चार के साथ भूमि पूजन किया है।

संगम की रेत पर किन्नर अखाड़े का भूमि पूजन अखाड़े की प्रदेश अध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी कौशल्यानंद गिरी ऊर्फ टीना मां,महामंडलेश्वर स्वामी पवित्रानंद गिरी और महामंडलेश्वर स्वामी कल्याणी नंद गिरी की मौजूदगी में संपन्न हुआ।
इस मौके पर किन्नर संतों ने भूमि पूजन के बाद आरती की और महाकुंभ 2025 के सकुशल संपन्न होने के साथ ही विश्व कल्याण की भी कामना की।
किन्नर अखाड़े की प्रदेश अध्यक्ष और महामंडलेश्वर स्वामी कौशल्या नंद गिरी उर्फ टीना मां के मुताबिक 2019 की तर्ज पर ही 2025 में भी किन्नर अखाड़ा अपना शिविर लगाने जा रहा है। उनके मुताबिक भूमि पूजन के बाद किन्नर अखाड़े के शिविर का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा।
टीना मां ने कहा है कि 2025 का महाकुंभ प्रदेश की योगी सरकार दिव्य और भव्य के साथ ही स्वच्छ महाकुंभ के तौर पर पेश कर रही है।
उन्होंने कहा है कि किन्नर अखाड़े की ओर से विश्व शांति की मां गंगा और यमुना से कामना की जाएगी। उन्होंने कहा है कि किन्नर अखाड़े से सनातन धर्म को मजबूत और आगे बढ़ाने के लिए जन जागरूकता कार्यक्रम चलाएंगे जिससे पूरे देश और दुनिया में एक अलग संदेश जाएगा। इसके अलावा किन्नर अखाड़े की ओर से देश के विभिन्न राज्यों बंगाल, जम्मू कश्मीर और दक्षिण भारत के राज्यों के सांस्कृतिक कार्यक्रम भी पेश किए जाएंगे। इसके अलावा किन्नर अखाड़े में यज्ञ और हवन अनुष्ठान किए जाएंगे। खास तौर पर अघोर साधना और काली पूजा भी किन्नर संत करेंगे।
अपने विशेष कार्यक्रमों की वजह से वर्ष 2019 के कुंभ में किन्नर अखाड़ा लोगों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ था।