- चालक-परिचालकों की छुट्टी पर रोक: महाकुंभ मेले की सुचारु व्यवस्था के लिए परिवहन विभाग ने सभी रोडवेज कर्मचारियों की छुट्टियां निरस्त की।
- प्रोत्साहन राशि: सभी चालक और परिचालकों को 200 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
- अतिरिक्त सेवा का सम्मान: महाकुंभ मेले के दौरान ड्यूटी निभाने वाले कर्मियों को विशेष प्रशंसा प्रमाणपत्र भी प्रदान किया जाएगा।
- महाकुंभ की तैयारियों में योगदान: ड्राइवरों और कंडक्टरों से यात्रियों की सुविधा और ट्रैफिक प्रबंधन के लिए सहयोग की अपील।
- यात्रियों की सेवा प्राथमिकता: परिवहन विभाग ने मेले के दौरान रोडवेज सेवा को बेहतर और समयबद्ध बनाने का लक्ष्य रखा है।
- विशेष बस संचालन: मेले में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए रोडवेज की अतिरिक्त बसें चलाई जाएंगी।
महाकुंभ 2025 को लेकर उत्तर प्रदेश परिवहन निगम ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। श्रद्धालुओं और तीर्थयात्रियों को प्रयागराज की आध्यात्मिक नगरी तक सुरक्षित और सुगम यात्रा प्रदान करने के लिए रोडवेज निगम ने विशेष योजना बनाई है।
महाकुंभ विशेष प्रोत्साहन योजना
रोडवेज निगम ने चालक-परिचालकों के लिए “बस दौड़ाओ और इनाम पाओ” योजना की घोषणा की है। इस योजना के तहत, 26 जनवरी से 5 फरवरी तक की मुख्य महाकुंभ अवधि में चालक-परिचालकों को बस संचालन के आधार पर प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
योजना की प्रमुख विशेषताएं
- न्यूनतम संचालन:
- 300 किलोमीटर प्रतिदिन का संचालन करने वाले चालक-परिचालक को प्रोत्साहन मिलेगा।
- प्रोत्साहन राशि:
- 11 दिन की ड्यूटी और न्यूनतम 3300 किलोमीटर संचालन पर ₹2200।
- 9 दिन की ड्यूटी और न्यूनतम 2700 किलोमीटर संचालन पर ₹1800।
- 7 दिन की ड्यूटी और न्यूनतम 2100 किलोमीटर संचालन पर ₹1400।
- प्रतिदिन की नियमित ड्यूटी पर ₹200 का प्रोत्साहन।
डिपो से विशेष बस संचालन
एआरएम प्रभात सिन्हा ने बताया कि महाकुंभ मेले के लिए रोडवेज डिपो से 130 बसों की मांग की गई है। ये बसें मुख्य स्नान तिथियों से पहले प्रयागराज के लिए रवाना होंगी। खतौली डिपो से भी विशेष बसों का संचालन होगा।
चालक-परिचालकों की छुट्टियों पर रोक
महाकुंभ की अवधि के दौरान सभी चालक-परिचालकों की छुट्टियों पर रोक लगाई गई है। मेले की व्यवस्था को सुचारु बनाए रखने के लिए विशेष निर्देश दिए गए हैं।
महाकुंभ में अमृत स्नान का महत्व
महाकुंभ के दौरान अमृत स्नान का विशेष महत्व है। 29 जनवरी को मौनी अमावस्या के दिन दूसरा अमृत स्नान होगा। इस दिन लाखों श्रद्धालु संगम में आस्था की डुबकी लगाएंगे। धार्मिक मान्यता के अनुसार, महाकुंभ में स्नान से सभी पापों का नाश होता है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
निष्कर्ष
रोडवेज निगम की यह विशेष योजना न केवल तीर्थयात्रियों की सुविधा सुनिश्चित करेगी, बल्कि कर्मचारियों को उत्कृष्ट सेवा के लिए प्रेरित भी करेगी। महाकुंभ 2025 के दौरान परिवहन विभाग की यह पहल श्रद्धालुओं की यात्रा को सुगम और सुरक्षित बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।