प्रयागराज में महाकुंभ की तैयारियां जोरों पर हैं और देशभर से संत-महात्मा और अखाड़ों का आगमन शुरू हो गया है। इसी क्रम में आह्वान अखाड़ा के महंत इंद्र गिरी महाराज ने अपने साहस और आस्था से सभी को चौंका दिया है।
97% फेफड़े खराब, फिर भी कुंभ में शामिल:
महंत इंद्र गिरी महाराज, जिनके 97% से अधिक फेफड़े खराब हो चुके हैं, ऑक्सीजन सिलेंडर के सहारे महाकुंभ में शामिल होने पहुंचे हैं। चार साल पहले डॉक्टरों ने उन्हें सलाह दी थी कि वे आश्रम से बाहर न जाएं। इसके बावजूद, अपनी इच्छाशक्ति और आस्था के बल पर उन्होंने महाकुंभ में आने का संकल्प लिया।
महाकुंभ को बताया अंतिम इच्छा:
महंत इंद्र गिरी महाराज ने ज़ी न्यूज़ से बातचीत में महाकुंभ को अपनी अंतिम इच्छा बताया। उन्होंने कहा, “यह कुंभ मेरे लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। चाहे कुछ भी हो जाए, मैं इसे समाप्त करके ही जाऊंगा।” उनकी इस दृढ़संकल्प और आस्था ने सभी को प्रेरित किया है।
13 जनवरी से होगी औपचारिक शुरुआत:
महाकुंभ की औपचारिक शुरुआत 13 जनवरी 2025 से होगी, लेकिन संतों और श्रद्धालुओं का जमावड़ा पहले से ही शुरू हो चुका है। महंत इंद्र गिरी महाराज का इस कठिन परिस्थिति में कुंभ में शामिल होना धार्मिक और आध्यात्मिक आस्था का एक अनूठा उदाहरण है।
आस्था और इच्छाशक्ति का प्रतीक:
महंत इंद्र गिरी महाराज ने अपनी उपस्थिति से साबित किया कि सच्ची आस्था और दृढ़ इच्छाशक्ति से बड़ी से बड़ी बाधा को भी पार किया जा सकता है। उनकी उपस्थिति ने महाकुंभ के महत्व और इसके प्रति श्रद्धालुओं के अटूट विश्वास को और भी प्रबल किया है।