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मेरठ हत्याकांड: नईम बाबा का चौंकाने वाला सच – 9 कत्ल के आरोपी की रहस्यमयी जिंदगी

  1. दिल्ली में दिया तीन चोरी की घटनाओं को अंजाम
    • नईम बाबा ने राजधानी दिल्ली में तीन बार बड़ी चोरियां कीं, जिससे उसने अपनी आपराधिक गतिविधियों का विस्तार किया।
  2. 2015 में परिवार को 60 लाख रुपये की बड़ी रकम बांटी
    • अपने आपराधिक कृत्यों से अर्जित धनराशि में से नईम ने 60 लाख रुपये अपने परिवार के सदस्यों में बांट दिए।
  3. मेरठ हत्याकांड के मुख्य आरोपी के तौर पर पहचाना गया
    • 9 हत्याओं के आरोप में घिरा, नईम बाबा की आपराधिक पृष्ठभूमि ने पूरे क्षेत्र को हिला दिया

मेरठ हत्याकांड का आरोपी 52 वर्षीय नईम बाबा की जिंदगी किसी हिंदी वेब सीरीज की पटकथा से कम नहीं है। कक्षा पांच तक पढ़े इस अपराधी का दिमाग पुलिस से भी दो कदम आगे चलता था। उसने अपने आपराधिक सफर में चार राज्यों, चार नामों, चार निकाहों और नौ निर्दोष लोगों की हत्या जैसे गंभीर अपराधों को अंजाम दिया।

नईम बाबा की क्राइम स्टोरी:
  1. दिल्ली में चोरी और हत्याएं:
    • 1999 में नईम ने दिल्ली के न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी साउथ में दो चोरी की वारदात को अंजाम दिया। इसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
    • जमानत पर बाहर आने के बाद उसने दिल्ली के खजूरी खास इलाके में दोहरे हत्याकांड को अंजाम दिया।
  2. मुंबई में पत्थर का कारोबार और नई पहचान:
    • दिल्ली छोड़ने के बाद नईम मुंबई के मुंब्रा पहुंचा। वहां उसने पत्थर का कारोबार शुरू किया और अपना नाम बदलकर हुसैन उर्फ जमील रख लिया।
    • मुंबई में नईम ने तीन बच्चों की मां सलमा से तीसरा निकाह किया। सलमा ने नईम के साथ रहते हुए बेटी अफसाना को जन्म दिया।
    • 2006 में नईम ने मुंबई के मुंब्रा में भी दोहरे हत्याकांड को अंजाम दिया।
  3. नासिक में खूनी खेल और चौथा निकाह:
    • मुंबई से नासिक के मालेगांव शिफ्ट होने के बाद नईम ने चौथा निकाह नूरी उर्फ नूरजहां से किया। इस शादी से उसके तीन बेटे हुए।
    • नासिक में टाइल्स का कारोबार करने वाले नईम ने उधार की रकम न मिलने पर अपने भाई मोईन और उसके परिवार की हत्या कर दी।
  4. चोरी की रकम से बना परिवार का कारोबार:
    • 2005 में दिल्ली के सरिता विहार में बड़ी चोरी करने के बाद नईम ने परिवार को आर्थिक मदद दी।
    • परिवार ने चोरी की रकम से रुड़की में कारोबार खड़ा कर लिया और नईम को ब्लैकमेल कर रकम वसूली की।
पुलिस की गिरफ्त में नईम:
  • आठ जनवरी को मेरठ में पांच हत्याएं करने के बाद नईम और उसका बेटा सलमान नासिक में छिपे हुए थे।
  • मुठभेड़ के दौरान नईम ने पुलिस पर फायरिंग की और अपने बेटे सलमान को भागने में मदद की।
  • 17 दिनों की कड़ी मशक्कत के बाद पुलिस ने नईम को घेर लिया। मुकाबले के दौरान नईम मारा गया।
नईम की जिंदगी की कहानी:
  • नईम को बचपन से ही पैसों की लालच थी। अपने खतरनाक इरादों के चलते उसने अपराध की दुनिया में कदम रखा।
  • चार राज्यों में फैले अपराधों और कई नामों के सहारे वह पुलिस से बचता रहा।
  • उसकी मौत के बाद भी उसके परिवार ने लिसाड़ीगेट थाने पहुंचकर पुलिस के खिलाफ हंगामा किया।

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