- पीड़िता ने ससुराल वालों पर 40 लाख रुपये खर्च के बाद भी अतिरिक्त दहेज की मांग का आरोप लगाया
- ससुराल पक्ष ने शादी के बाद क्रेटा कार की मांग की, नहीं मिलने पर उत्पीड़न किया
- पति ने महिला को जर्मनी भेजा, लेकिन वहां एयरपोर्ट पर नहीं किया रिसीव
- महिला का दावा – ससुराल में अपमानित किया गया और घर में घुसने नहीं दिया गया
- पीड़िता ने पुलिस में दर्ज कराई शिकायत, न्याय की गुहार लगाई
आगरा के बालाजीपुरम निवासी शिवांगी ने अपने एनआरआई पति और ससुराल पक्ष पर दहेज उत्पीड़न और मानसिक प्रताड़ना के गंभीर आरोप लगाए हैं। पीड़िता के अनुसार, शादी में मायका पक्ष ने लगभग 40 लाख रुपये खर्च किए थे, लेकिन इसके बावजूद ससुराल पक्ष द्वारा एक लग्जरी कार (क्रेटा) की अतिरिक्त मांग की गई।
31 जनवरी 2020 को प्रतापनगर निवासी शशांक गोयल से विवाह के बाद से ही ससुराल में दहेज को लेकर प्रताड़ना शुरू हो गई थी। ससुर रवींद्र अग्रवाल, सास सुनीता और पति शशांक बार-बार कार की मांग करते रहे। पीड़िता ने बताया कि उसे भूखा-प्यासा रखा गया और कई बार मारपीट की गई।
पति शशांक, जो कि जर्मनी की एक मल्टीनेशनल कंपनी में कार्यरत हैं, पीड़िता को काफी मान-मनौव्वल के बाद अपने साथ जर्मनी ले गए। वीजा और परीक्षा की प्रक्रिया के लिए मायका पक्ष ने अतिरिक्त 1.20 लाख रुपये खर्च किए। लेकिन वहां भी उसे अकेला छोड़ दिया गया। 24 नवंबर 2024 को पति ने भारत में नौकरी की बात कहकर विवाहिता को अकेले जहाज में बैठा दिया और वापस भेज दिया।

दिल्ली एयरपोर्ट पर कोई भी उसे लेने नहीं आया। ससुराल में फोन करने पर ससुर ने बिना लग्जरी कार के आने पर घर में घुसने से मना कर दिया। पीड़िता अपने भाई के साथ ससुराल पहुंची, जहां गाली-गलौज कर उसे भगा दिया गया। 1 अप्रैल 2025 को मायका पक्ष दोबारा ससुराल लेकर गया, लेकिन वहां भी प्रवेश से इनकार कर दिया गया।
शिवांगी की शिकायत पर थाना जगदीशपुरा में पति शशांक गोयल, ससुर रवींद्र अग्रवाल और सास सुनीता के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। एसीपी मयंक तिवारी ने पुष्टि की है कि मामले की जांच गंभीरता से की जा रही है और आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी।