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दर्दनाक हादसा: तेंदुए ने मां की गोद से बच्ची को छीनकर बनाया निवाला

कतर्नियाघाट इलाके के उर्रा गांव के मजरा तमोलिनपुरवा में एक हृदयविदारक घटना सामने आई है, जहां 9 वर्षीय शालिनी तेंदुए के हमले का शिकार हो गई। यह घटना तब हुई जब शालिनी अपनी मां चंद्रावती के साथ खेत में सरसों का साग लेने गई थी।

शालिनी गन्ने के खेत के पास स्थित सरसों के खेत से साग तोड़ रही थी, तभी गन्ने के खेत से अचानक तेंदुआ निकला और बच्ची पर हमला कर दिया। तेंदुए ने शालिनी की गर्दन दबोच ली और उसे जंगल की ओर खींच ले जाने की कोशिश की। मां की चीख-पुकार सुनकर गांववाले मौके पर पहुंचे और शोर मचाया। शोर सुनकर तेंदुआ बच्ची का शव छोड़कर जंगल में भाग गया। दुर्भाग्यवश, शालिनी की मौके पर ही मौत हो गई।

ग्रामीणों में भय और आक्रोश: घटना के बाद पूरे गांव में भय और आक्रोश का माहौल है। ग्रामीणों ने वन विभाग से त्वरित कार्रवाई और इलाके में पिंजरा लगाने की मांग की है। घटना की जानकारी मिलते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंचकर जांच में जुट गई है।

एक साल में सात लोगों को बनाया तेंदुए ने शिकार: यह घटना अकेली नहीं है। पिछले एक साल में क्षेत्र में तेंदुए के हमलों में सात लोगों की जान जा चुकी है। तेंदुए के शिकार बने लोगों की सूची इस प्रकार है:

  1. आयशा (11 वर्ष) – 19 जनवरी 2024, सुजौली वन रेंज, अयोध्यापुरवा।
  2. शमा (8 वर्ष) – 1 मई 2024, धर्मापुर वन रेंज, धर्मापुर जलिहा।
  3. शाहिद (6 वर्ष) – 13 जून 2024, धर्मापुर वन रेंज, धर्मापुर।
  4. अरविंद कुमार (13 वर्ष) – 12 जुलाई 2024, मोतीपुर वन रेंज, मनोहरपुरवा।
  5. कन्हाईलाल (32 वर्ष) – 30 सितंबर 2024, ककरहा वन रेंज, धरमपुर।
  6. अभिनंदन (5 वर्ष) – 15 नवंबर 2024, कतर्नियाघाट वन रेंज, सीतारामपुरवा।
  7. शालिनी (9 वर्ष) – 15 जनवरी 2024, ककरहा वन रेंज, तमोलिनपुरवा।

वन विभाग की जिम्मेदारी: ग्रामीणों का कहना है कि वन विभाग को तेंदुए के आतंक से निपटने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे। उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों में निगरानी बढ़ाने, पिंजरे लगाने और तेंदुए को पकड़ने की मांग की है।

ग्रामीणों से अपील: वन विभाग ने ग्रामीणों से सतर्क रहने और बच्चों को अकेले बाहर न भेजने की अपील की है। विभाग ने यह भी कहा है कि तेंदुए के मूवमेंट पर नजर रखी जा रही है और शीघ्र ही उचित कार्रवाई की जाएगी।

यह घटना न केवल एक परिवार के लिए अपूरणीय क्षति है, बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए चिंता का विषय बन गई है। तेंदुए के लगातार बढ़ते हमलों से ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाना अब अनिवार्य हो गया है।

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