- कोर वोट बैंक पर फोकस – बीजेपी ने अपने पारंपरिक कोर वोटरों को मजबूती से थामे रखा, जिससे चुनावी रणनीति को मजबूती मिली।
- ब्राह्मण-ठाकुर समुदाय को अधिक प्रतिनिधित्व – संगठन और सरकार में ब्राह्मण व ठाकुर समुदाय को प्रमुख स्थान देकर संतुलन साधने की कोशिश।
- अति पिछड़ों पर विशेष ध्यान – अति पिछड़ा वर्ग (OBC) को भी प्रमुख भागीदारी देकर विपक्ष के पीडीए नैरेटिव को जवाब देने की रणनीति।
- विपक्ष के पीडीए को चुनौती – बीजेपी ने पसमांदा, दलित और अति पिछड़ों पर ध्यान देकर विपक्ष के पीडीए फॉर्मूले को तोड़ने की कोशिश की।
- मिशन 2027 की तैयारी – सामाजिक संतुलन साधते हुए सभी वर्गों को साधने की रणनीति, जिससे आगामी यूपी चुनाव 2027 में बढ़त बनाई जा सके।
लखनऊ – भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपने मूल मंत्र ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ को ध्यान में रखते हुए जिलाध्यक्षों के चुनाव में सभी वर्गों को प्रतिनिधित्व देकर एक संतुलित जातीय समीकरण तैयार किया है। मिशन 2027 की ओर कदम बढ़ाते हुए पार्टी ने राजनीतिक जमीन मजबूत करने की रणनीति बना ली है।
भाजपा ने जातीय समीकरण को साधा
रविवार को जारी जिलाध्यक्षों की पहली सूची में भाजपा ने अन्य पिछड़ा वर्ग, सामान्य वर्ग और अनुसूचित जाति को मिलाकर सामाजिक और जातीय संतुलन बनाने की पूरी कोशिश की है। इससे यह स्पष्ट हो गया है कि पार्टी आगामी पंचायत चुनाव और 2027 के विधानसभा चुनाव में इसी रणनीति के तहत विपक्ष को मात देने की तैयारी कर रही है।
- कोर वोटरों को मजबूती से थामा – पार्टी ने अपने परंपरागत वोट बैंक को बरकरार रखते हुए उन्हें महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां सौंपी हैं।
- ब्राह्मण-ठाकुर को अधिक प्रतिनिधित्व – 70 जिलाध्यक्षों में से 19 ब्राह्मण और 10 ठाकुर समुदाय से चुने गए हैं, जिससे पार्टी ने अपने समर्थन आधार को मजबूत किया है।
- अन्य जातियों को भी मिली भागीदारी –
- सामान्य वर्ग – 4 वैश्य, 3 कायस्थ, 2 भूमिहार, 1 पंजाबी
- अति पिछड़ा वर्ग – 5 कुर्मी, 3 पिछड़ा वैश्य, 2-2 जाट, मौर्य और लोधी
- अन्य पिछड़ी जातियां – 1-1 यादव, बढ़ई, कश्यप, पाल, राजभर, सैनी, रस्तोगी, गुर्जर, भुर्जी, तेली और कुशवाहा
- अनुसूचित जाति – 3 पासी, 1-1 धोबी, कठेरिया और कोरी
महिलाओं को भी मिला स्थान
हालांकि पहली सूची में केवल 5 महिलाओं को ही जगह मिली है, लेकिन इसमें भी जातीय समीकरण का पूरा ध्यान रखा गया है। इसमें कुर्मी, पासी, क्षत्रिय, तेली और लोधी जाति की एक-एक महिला को जिलाध्यक्ष बनाया गया है।
पीडीए नैरेटिव को जवाब देने की कोशिश
भाजपा ने अपनी रणनीति से विपक्ष के पीडीए (पसमांदा, दलित और अति पिछड़ा) फॉर्मूले को कमजोर करने की कोशिश की है। पार्टी का फोकस अनुसूचित जातियों और अति पिछड़े वर्ग को अधिक से अधिक प्रतिनिधित्व देकर विपक्ष के नैरेटिव को चुनौती देना है।
बची हुई सूची में अन्य जातियों को मिलेगा प्रतिनिधित्व
प्रदेश चुनाव अधिकारी डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय ने कहा कि भाजपा सभी वर्गों को साथ लेकर चलने वाली पार्टी है। उन्होंने आश्वासन दिया कि जिन जातियों को पहली सूची में स्थान नहीं मिल पाया है, उन्हें शेष 28 जिलाध्यक्षों की सूची में उचित प्रतिनिधित्व दिया जाएगा।
भाजपा ने जातीय और सामाजिक संतुलन को ध्यान में रखते हुए ‘मिशन 2027’ की रणनीति को मजबूत किया है। पार्टी का लक्ष्य पंचायत चुनाव से लेकर विधानसभा चुनाव तक हर वर्ग को साधकर विपक्ष को चुनौती देना है। जिलाध्यक्षों की यह सूची आगामी चुनावों में भाजपा की सशक्त चुनावी रणनीति का संकेत देती है।