🔹 गुलरिहा थाने के सिपाही शिवजी प्रसाद को एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर ने तत्काल प्रभाव से निलंबित किया।
🔹 सोशल मीडिया पर वायरल ऑडियो क्लिप में सिपाही ने राम मंदिर और भगवान कृष्ण को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की।
🔹 धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आरोप में पुलिस विभाग ने की सख्त कार्रवाई।
🔹 मामले की जांच के बाद एसएसपी ने विभागीय कार्रवाई के भी आदेश दिए।
🔹 सोशल मीडिया पर बयानबाजी करने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों पर नजर रखने के निर्देश।
गोरखपुर। जिले में दो अलग-अलग मामलों में पुलिसकर्मियों की अनुशासनहीनता उजागर होने के बाद एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर ने कड़ा एक्शन लिया है। गुलरिहा थाने के सिपाही शिवजी प्रसाद को देवी-देवताओं पर अभद्र टिप्पणी करने के मामले में निलंबित कर दिया गया, वहीं खजनी सीओ कार्यालय के विवेचना मुंशी शनि चौधरी को एसपी का फर्जी हस्ताक्षर कर चार्जशीट दाखिल करने के आरोप में सस्पेंड कर उनके खिलाफ जालसाजी का मुकदमा दर्ज कराया गया है।
देवी-देवताओं पर टिप्पणी करने वाला सिपाही निलंबित
🔹 सोशल मीडिया पर वायरल ऑडियो में सिपाही शिवजी प्रसाद ने राम मंदिर और भगवान कृष्ण को लेकर आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग किया।
🔹 ऑडियो वायरल होते ही स्थानीय लोगों में आक्रोश बढ़ा, मामला पुलिस अधिकारियों तक पहुंचा।
🔹 एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर ने मामले की जांच कराई, आरोप सही पाए जाने पर सिपाही को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर विभागीय कार्रवाई के आदेश दिए।
🔹 पुलिस विभाग में सभी कर्मियों को अनुशासन और आचार संहिता का पालन करने की सख्त हिदायत दी गई।
एसपी का फर्जी हस्ताक्षर कर चार्जशीट दाखिल करने वाला मुंशी निलंबित
🔹 खजनी सीओ कार्यालय में तैनात विवेचना मुंशी शनि चौधरी ने छेड़खानी और दलित उत्पीड़न के केस में एसपी दक्षिणी जितेंद्र तोमर के फर्जी हस्ताक्षर कर चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर दी।
🔹 कोर्ट में पेशकार को हस्ताक्षर पर संदेह हुआ, जिसके बाद चार्जशीट वापस कर एसपी दक्षिणी को सूचना दी गई।
🔹 जांच में खुलासा हुआ कि चार्जशीट पर किए गए हस्ताक्षर जाली थे और असल में वह फाइल सीओ कार्यालय से भेजी ही नहीं गई थी।
🔹 मामले की पुष्टि होने पर एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर ने मुंशी को निलंबित करने के साथ ही खजनी थाने में उसके खिलाफ जालसाजी का मुकदमा दर्ज कराया।
सख्त अनुशासन लागू करने के निर्देश
इन घटनाओं के बाद पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है। एसएसपी ने सभी पुलिसकर्मियों को सख्त चेतावनी देते हुए अनुशासन और आचार संहिता का पालन करने के निर्देश दिए हैं। धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली किसी भी टिप्पणी से बचने और आधिकारिक दस्तावेजों में गड़बड़ी न करने की सख्त हिदायत दी गई है।