महा कुंभ 2025 के दौरान प्रयागराज आने वाले हर रेलवे ट्रैक पर अब ड्रोन से निगरानी की जाएगी। सुरक्षा व्यवस्था को अभूतपूर्व और पुख्ता बनाने के लिए रेलवे और मेला प्रशासन ने मिलकर यह अहम फैसला लिया है। इस तकनीकी व्यवस्था के जरिए लाखों श्रद्धालुओं को सुरक्षित यात्रा और अनुभव प्रदान किया जाएगा।
ड्रोन की लाइव फुटेज रेलवे के कंट्रोल रूम से जुड़ी होगी, जहां सुरक्षाकर्मी बड़ी स्क्रीन पर हर गतिविधि पर नजर रखेंगे। किसी भी संदिग्ध गतिविधि के दिखने पर तुरंत अलर्ट जारी किया जाएगा और आरपीएफ की क्विक रिस्पांस टीम मौके पर पहुंचकर कार्रवाई करेगी।
प्रमुख निर्णय और योजनाएं
- ड्रोन से निगरानी:
- रेलवे ट्रैक और आसपास के इलाकों पर ड्रोन से हर गतिविधि पर नजर रखी जाएगी।
- अवैध बस्तियों और रेलवे की जमीन पर घुसपैठ की निगरानी भी ड्रोन द्वारा की जाएगी।
- सुरक्षा का विशेष प्रबंध:
- आरपीएफ और सिविल पुलिस के सामंजस्य से रेलवे ट्रैक और स्टेशन की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी।
- संदिग्ध गतिविधियों की पहचान और रोकथाम के लिए रेलवे स्टेशनों के पास और दूरस्थ क्षेत्रों में पुलिस की विशेष टीम तैनात होगी।
- यात्रियों की सुविधा:
- 8 प्रमुख रेलवे स्टेशनों से स्नान पर्वों के लिए 1,200 विशेष ट्रेनों का संचालन होगा।
- मेला अवधि में कुल 5,000 विशेष ट्रेनों की संचालन क्षमता विकसित की गई है।
- संचार और यातायात प्रबंधन:
- संगम क्षेत्र से जुड़े सभी रेलवे स्टेशनों तक भीड़ प्रबंधन की विशेष योजना बनाई गई है।
- अधूरे रोड ओवर ब्रिज और अंडर ब्रिज के निर्माण कार्यों को जल्द पूरा करने पर जोर दिया गया।
बैठक की मुख्य बातें
गुरुवार को आईट्रिपलसी सभागार में आयोजित इस महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता उत्तर मध्य रेलवे के महाप्रबंधक उपेंद्र चंद्र जोशी ने की। बैठक में आईजी आरपीएफ एएन सिंह, डीआरएम प्रयागराज हिमांशु बडोनी, मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत, मेलाधिकारी विजय किरन आनंद, और डीएम रविंद्र कुमार मांदड़ सहित कई विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
बैठक में भीड़ प्रबंधन, रेलवे ट्रैक की सुरक्षा, स्टेशन मूवमेंट प्लान, और विशेष गाड़ियों के संचालन को लेकर विस्तृत चर्चा की गई। सभी विभागों ने सामंजस्य बनाकर महा कुंभ को सफल बनाने का संकल्प लिया।