🔹 वृंदावन में संत प्रेमानंद महाराज की पदयात्रा के बाद बिजली केबल में लगी आग
🔹 श्रद्धालुओं में अफरातफरी, लेकिन गनीमत रही कि पदयात्रा पहले ही आगे बढ़ चुकी थी
🔹 विद्युत विभाग की लापरवाही से बड़ा हादसा हो सकता था, बढ़ती भीड़ के बीच बढ़ा खतरा
🔹 जन्मोत्सव से पहले श्रद्धालुओं की संख्या में लगातार हो रहा इजाफा
🔹 प्रशासन से सुरक्षा उपायों को मजबूत करने की मांग, विद्युत तंत्र की समीक्षा जरूरी
वृंदावन : संत प्रेमानंद जी के जन्मोत्सव को लेकर वृंदावन में भव्य तैयारियां चल रही हैं। यह छह दिवसीय आयोजन 25 मार्च से 30 मार्च तक श्रीराधाकेलिकुंज आश्रम में मनाया जाएगा, जिसमें देशभर से हजारों श्रद्धालु भाग लेंगे। जन्मोत्सव के दौरान अनेक आध्यात्मिक और धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा, जिसमें संत प्रेमानंद जी के दर्शन का सौभाग्य भी भक्तों को मिलेगा।
रात्रिकालीन पदयात्रा में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
संत प्रेमानंद जी की रात्रिकालीन पदयात्रा में हजारों श्रद्धालु उपस्थित रहे। यह यात्रा रात दो बजे श्रीकृष्ण शरणम से प्रारंभ हुई और सुनरख मार्ग होते हुए परिक्रमा मार्ग के रमणरेती क्षेत्र में पहुंची। यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की आस्था देखने लायक थी।
विद्युत ट्रांसफॉर्मर में आग लगने से हड़कंप
रात्रिकालीन पदयात्रा के दौरान रमणरेती स्थित सुनरख मोड़ परिक्रमा मार्ग पर अचानक विद्युत ट्रांसफॉर्मर में आग लगने से श्रद्धालुओं में हड़कंप मच गया। विद्युत पोल से जुड़े केबल में अचानक चिंगारी उठी और आग लग गई। गनीमत रही कि पदयात्रा इस घटना से पहले ही निकल चुकी थी, जिससे बड़ा हादसा टल गया। श्रद्धालुओं ने विद्युत विभाग से इस तरह की लापरवाही को तुरंत ठीक करने की मांग की है, ताकि भविष्य में कोई अनहोनी न हो।

श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या के मद्देनजर दर्शन की विशेष व्यवस्था
जन्मोत्सव के अवसर पर देश के विभिन्न शहरों से आने वाले श्रद्धालुओं की भारी संख्या को देखते हुए श्रीराधाकेलिकुंज आश्रम ने दर्शन के लिए विशेष व्यवस्था की है। विभिन्न शहरों से आने वाले भक्तों के लिए अलग-अलग दिन निर्धारित किए गए हैं:
- 25 मार्च: वृंदावन, गोवर्धन, बरसाना, मथुरा, ब्रजक्षेत्र एवं अलीगढ़।
- 26 मार्च: उत्तर प्रदेश, समस्त ब्रज, आगरा, अलीगढ़।
- 27 मार्च: दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम, पंजाब।
- 28 मार्च: हरियाणा, केरल, उत्तराखंड, असम, आंध्रप्रदेश, गोवा, कर्नाटक, तमिलनाडु, तेलंगाना, हिमाचल, बिहार, गुजरात।
- 29 मार्च: महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, झारखंड, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, मध्यप्रदेश, जम्मू-कश्मीर, राजस्थान।
- 30 मार्च: रिवक्त परिकर को संत प्रेमानंद जी के दर्शन का लाभ मिलेगा।
भक्तों से अपील
श्रीराधाकेलिकुंज आश्रम द्वारा सभी श्रद्धालुओं से अनुरोध किया गया है कि वे दर्शन के लिए अपने निर्धारित दिन पर ही आएं, ताकि भीड़ को नियंत्रित किया जा सके और सभी को सुचारू रूप से दर्शन का लाभ मिल सके।