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संजय दत्त का नया अंदाज: पदयात्रा में बागेश्वर बाबा संग की चाय चर्चा

बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के नेतृत्व में ‘हिंदू एकता’ के संदेश को समर्पित 160 किलोमीटर लंबी सनातन हिंदू पदयात्रा का शुभारंभ हुआ। यह यात्रा 21 नवंबर को बागेश्वर धाम से शुरू होकर मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से गुजरते हुए 29 नवंबर को ओरछा धाम में समाप्त होगी।

इस पदयात्रा में 25 नवंबर को बॉलीवुड सुपरस्टार संजय दत्त, अंतरराष्ट्रीय पहलवान द ग्रेट खली, और मशहूर कॉमेडियन श्याम रंगीला ने हिस्सा लेकर इसे और भी खास बना दिया। संजय दत्त ने खजुराहो में विशेष चार्टर्ड विमान से पहुंचकर यात्रा में सम्मिलित होकर भगवा ध्वज थामे धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के साथ कदमताल की।

संजय दत्त का ‘सनातनी’ अंदाज

सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीरों और वीडियो में संजय दत्त का अनोखा सनातनी स्वैग लोगों का दिल जीत रहा है। सफेद कुर्ता-पायजामा और भगवा शॉल में सजे संजय दत्त ने भगवा ध्वज थामे ‘हर हर महादेव’ के जयकारे लगाए और 2 किलोमीटर तक पदयात्रा की।

यात्रा के दौरान, वे जमीन पर बैठकर बागेश्वर बाबा के साथ चाय की चुस्की लेते और उनसे चर्चा करते नजर आए। उनका यह सादगी भरा अंदाज उनके प्रशंसकों को खूब भा रहा है।

बाबा धीरेंद्र शास्त्री की प्रशंसा

संजय दत्त ने बाबा धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को अपना गुरु बताते हुए कहा,
“गुरुजी, मैं हमेशा आपके साथ हूं। आप बहुत बड़ा काम कर रहे हैं और मुझे आप पर पूरा विश्वास है। जात-पात के भेदभाव को मिटाकर भारत को एकजुट करना ही हमारा उद्देश्य है।”

उन्होंने आगे कहा कि अगर गुरुजी उन्हें किसी भी काम के लिए बुलाएं, तो वे हमेशा साथ खड़े रहेंगे।

पदयात्रा का उद्देश्य

बागेश्वर बाबा ने इस यात्रा के माध्यम से जातिवाद समाप्त कर भारत को एकजुट करने और सनातन संस्कृति को बढ़ावा देने का संदेश दिया। उन्होंने कहा,
“यह पदयात्रा केवल कदमों की यात्रा नहीं है, यह एकजुटता और भाईचारे की एक बड़ी पहल है।”

देश-विदेश से बढ़ रही भागीदारी

इस 9 दिवसीय पदयात्रा में देशभर से श्रद्धालु जुड़ रहे हैं, साथ ही विदेशों से भी भक्त आकर इसे और विशाल बना रहे हैं। यात्रा के समापन के दिन ओरछा धाम में एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा।

समाप्ति पर एकजुटता का संदेश

यह यात्रा सनातन धर्म और हिंदू एकता के संदेश को एक नई ऊंचाई पर ले जाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। बाबा धीरेंद्र शास्त्री और यात्रा में शामिल हर व्यक्ति का यही संदेश है कि जाति, धर्म, और भेदभाव को मिटाकर भारत को एक भव्य हिंदू राष्ट्र बनाया जाए।

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