सर्दियों का मौसम आते ही कई लोग यह सोचकर सनस्क्रीन लगाना बंद कर देते हैं कि ठंडी धूप त्वचा को नुकसान नहीं पहुंचाती। लेकिन त्वचा विशेषज्ञों का मानना है कि यह धारणा पूरी तरह गलत है। सर्दियों में भी सूरज की हानिकारक अल्ट्रावायलेट (UV) किरणें आपकी त्वचा को गंभीर नुकसान पहुंचा सकती हैं।
सालभर सक्रिय रहती हैं यूवी किरणें
सूरज से निकलने वाली यूवी किरणें (यूवीए और यूवीबी) न केवल त्वचा की ऊपरी परत बल्कि उसकी गहराई तक नुकसान पहुंचा सकती हैं। यूवीए किरणें झुर्रियां, फाइन लाइन्स और कोलेजन को नुकसान पहुंचाती हैं, जबकि यूवीबी किरणें सनबर्न, टैनिंग और त्वचा कैंसर का खतरा बढ़ा सकती हैं। सर्दियों में भी ये किरणें बादलों और खिड़की के कांच से गुजरकर त्वचा को प्रभावित करती हैं।
सर्दियों में सनस्क्रीन लगाने के मुख्य फायदे:
- सनबर्न से बचाव: ठंडे मौसम में भी धूप में ज्यादा समय बिताने से सनबर्न हो सकता है।
- त्वचा कैंसर का खतरा कम: नियमित रूप से सनस्क्रीन लगाने से कैंसर के जोखिम को कम किया जा सकता है।
- झुर्रियों और फाइन लाइन्स से बचाव: यूवी किरणें त्वचा की उम्र बढ़ाने का कारण बनती हैं।
- त्वचा की रंगत को समान बनाना: सनस्क्रीन से पिग्मेंटेशन और त्वचा के असमान टोन को कम किया जा सकता है।
सर्दियों में सही सनस्क्रीन का चयन करें:
सर्दियों में हल्के और नॉन-कॉमेडोजेनिक सनस्क्रीन का उपयोग करें।
- ऑयली त्वचा: जेल या लोशन बेस्ड सनस्क्रीन बेहतर विकल्प हैं।
- रूखी त्वचा: क्रीम बेस्ड सनस्क्रीन अधिक प्रभावी होती है।
सनस्क्रीन लगाने का सही तरीका:
- घर से बाहर जाने से 30 मिनट पहले सनस्क्रीन लगाएं।
- पूरे चेहरे और शरीर पर इसे समान रूप से लगाएं।
- हर दो घंटे में इसे दोबारा लगाएं, खासकर स्विमिंग या पसीने आने के बाद।
विशेषज्ञों की राय:
विशेषज्ञ बताते हैं कि त्वचा को हेल्दी रखने के लिए सनस्क्रीन को अपनी स्किन केयर रूटीन में हर मौसम में शामिल करना चाहिए। सर्दियों में सूरज की तीव्रता भले ही कम हो, लेकिन यूवी किरणों का प्रभाव सालभर बना रहता है।