रामनगरी अयोध्या की दिव्यता में दो नई कड़ियां जुड़ने जा रही हैं। भव्य प्रवेश द्वारों की श्रृंखला में यहां दो और प्रवेश द्वार बनाए जाएंगे। एक द्वार धर्मपथ पर हनुमान गुफा के पास बनेगा जिसे तिलक द्वार नाम दिया जाएगा। दूसरा द्वार सूर्य द्वार होगा जो दर्शननगर में सूर्य कुंड के निकट होगा। यहां सूर्य देव का प्राचीन मंदिर है जो भगवान राम के कुल देवता हैं।
रामनगरी के आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व को और अधिक भव्यता प्रदान करने के उद्देश्य से, दो नए प्रवेश द्वार – तिलक द्वार और सूर्य द्वार – बनाए जा रहे हैं। ये प्रवेश द्वार रामनगरी की दिव्यता को और बढ़ाएंगे और उसके आध्यात्मिक गौरव को संजोएंगे।
तिलक द्वार
तिलक द्वार को धर्मपथ पर हनुमान गुफा के पास बनाया जाएगा। इस द्वार का ऊपरी भाग दीपों की श्रृंखला से सज्जित होगा, जो भगवान राम के वनवास से लौटने पर मनाई जाने वाली दीपावली का प्रतीक होगा। द्वार के मध्य में रामानंदीय परंपरा का प्रतीक तिलक होगा, जो मानवता पर दिव्य आशीर्वाद का चिह्न है।
द्वार के स्तंभों पर शंख, चक्र, गदा और पद्म का चित्रण किया जाएगा, जो भगवान विष्णु का प्रतीक होगा। तिलक द्वार की निर्माण लागत 1.89 करोड़ रुपये है। इसका निर्माण आरसीसी पाइलकैप, कॉलम और माइल्ड स्टील फ्रेम्ड ट्रस स्ट्रक्चर के साथ फाइबर रीइनफोर्स्ड पॉलिमर (एफआरपी) सामग्री से किया जाएगा।
सूर्य द्वार
दर्शननगर में स्थित सूर्य कुंड के निकट सूर्य द्वार का निर्माण होगा। सूर्य देव, जो भगवान राम के कुल देवता हैं, को समर्पित यह द्वार सूर्यवंश का प्रतीक होगा। सूर्य द्वार का निर्माण कार्य तिलक द्वार के समान ही होगा और इसकी लागत 1.05 करोड़ रुपये निर्धारित की गई है।
परियोजना की प्रगति और उद्देश्य
अयोध्या विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अश्विनी पांडेय ने कहा, “रामनगरी को उसकी गरिमा और आध्यात्मिक महत्व के अनुरूप सुंदर और भव्य बनाया जा रहा है। इन द्वारों के निर्माण में भी इस उद्देश्य को ध्यान में रखा गया है।”
वाल्मीकि मंदिर और अन्य प्रकल्प
रामजन्मभूमि परिसर में वाल्मीकि मंदिर का पत्थरों का कार्य लगभग पूरा हो गया है और जल्द ही दरवाजे लगाए जाएंगे। सप्त ऋषियों और अन्य देवी-देवताओं के मंदिरों का कार्य भी तीव्र गति से प्रगति पर है।
मौसम की अनुकूलता और पर्याप्त श्रमिकों की उपलब्धता से निर्माण कार्य बिना किसी बाधा के चल रहा है। राम मंदिर के मुख्य शिखर और परकोटे का कार्य तेजी से हो रहा है, और विभिन्न प्रकल्पों का निर्माण 70 एकड़ के परिसर में एक साथ जारी है।