spot_imgspot_img

Top 5 This Week

spot_img

Related Posts

पीलीभीत में मारे गए आतंकियों के मददगारों की पहचान, 5 गिरफ्तार

पीलीभीत एनकाउंटर: खालिस्तान समर्थक आतंकियों का नेटवर्क उजागर

  • पंजाब से भागे खालिस्तान समर्थक आतंकी गुरविंदर सिंह, वीरेंद्र सिंह और जश्नप्रीत एनकाउंटर में ढेर।
  • पंजाब और यूपी पुलिस की संयुक्त कार्रवाई से आतंकियों का नेटवर्क टूटा।
  • तराई क्षेत्र में फैला हुआ था आतंकियों का मजबूत नेटवर्क।
  • मददगारों ने होटल हरजी में दिलाया ठिकाना, किराया कम कराया।
  • भागने के लिए चोरी की मोटरसाइकिल की व्यवस्था की गई।
  • पुलिस की जांच में और बड़े खुलासों की संभावना।

पंजाब से भागकर पीलीभीत पहुंचे थे आतंकी खालिस्तान समर्थक आतंकी गुरविंदर सिंह, वीरेंद्र सिंह और जश्नप्रीत, जो पंजाब के गुरदासपुर जिले के रहने वाले थे, यूपी के पीलीभीत में पुलिस के साथ मुठभेड़ में मार गिराए गए। ये आतंकी 18 दिसंबर की रात गुरदासपुर में पुलिस चौकी पर ग्रेनेड फेंकने के बाद भागे थे। निजी बसों का इस्तेमाल करते हुए ये 20 दिसंबर को पूरनपुर कस्बे पहुंचे।

तराई क्षेत्र में फैला था नेटवर्क जांच में पता चला है कि इन आतंकियों का नेटवर्क तराई क्षेत्र में सक्रिय था। स्थानीय मददगारों ने आतंकियों को छिपने के लिए होटल हरजी में कमरा नंबर 105 दिलाया। होटल का किराया कम कराने के साथ-साथ इन मददगारों ने आतंकियों को फर्जी आधार कार्ड भी उपलब्ध कराए।

फर्जी आधार कार्ड और चोरी की बाइक का इस्तेमाल आतंकियों ने अपनी पहचान छिपाने के लिए फर्जी आधार कार्ड बनवाए, जिनमें गुरविंदर सिंह का नाम मंजीत सिंह, वीरेंद्र का नाम कुलदीप सिंह और जश्नप्रीत का नाम हीरा सिंह दर्ज था। इन आधार कार्डों पर पता यूपी के बलिया जिले का दर्ज किया गया था। इसके साथ ही आतंकियों ने भागने के लिए एक व्यापारी की बाइक चोरी कर इस्तेमाल की।

मददगारों की पहचान और जांच पुलिस की सख्त कार्रवाई में होटल हरजी के सीसीटीवी फुटेज से दो मददगारों की पहचान की गई। दोनों को गिरफ्तार कर पूछताछ शुरू कर दी गई है। होटल का मैनेजर भी पुलिस हिरासत में है, और होटल के रिकॉर्ड की जांच की जा रही है। होटल का मालिक पंजाब का निवासी है।

पुलिस का सर्च अभियान आतंकियों और उनके लोकल नेटवर्क की जानकारी के लिए पुलिस अधीक्षक अविनाश पांडे ने 12 टीमें गठित कर नगर में व्यापक सर्च अभियान चलाया। फोटो लेकर टीमों ने स्थानीय लोगों, राहगीरों, दुकानदारों और होटल संचालकों से जानकारी जुटाई।

बलिया के पते की जांच पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि फर्जी आधार कार्डों पर बलिया का पता क्यों लिखा गया। प्रारंभिक जांच में दो संभावनाएं सामने आई हैं—या तो बलिया में आतंकियों के मददगार हो सकते हैं, या फिर गुमराह करने के लिए यह पता लिखा गया होगा।

आगे की कार्रवाई आतंकियों के लोकल कनेक्शन और मददगारों की पहचान के लिए जांच जारी है। पुलिस ने तीन और मददगारों की तलाश तेज कर दी है। पूरी घटना के पीछे छिपे नेटवर्क को तोड़ने और साजिश के मुख्य सूत्रधारों तक पहुंचने के लिए डिटेल सर्च अभियान चलाया जा रहा है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Popular Articles