- सबसे पहले पुरुषों के लिए बनीं हील्स – ऐतिहासिक रूप से, हील्स पुरुषों के स्टेटस सिंबल के रूप में पहनी जाती थीं।
- राजाओं और अभिजात वर्ग की पहचान – हील्स शक्ति और रुतबे का प्रतीक मानी जाती थीं, खासकर शाही परिवारों और योद्धाओं के बीच।
- फैशन में बड़ा बदलाव – समय के साथ महिलाओं ने हील्स को अपनाया और यह ग्लैमर व एलीगेंस का हिस्सा बन गईं।
- समाज में स्टेटस सिंबल – उच्च वर्ग और कुलीन समाज में हील्स पहनना प्रतिष्ठा का प्रतीक था।
- आज महिलाओं की अलमारी का अहम हिस्सा – हील्स अब सिर्फ स्टाइल नहीं, बल्कि आत्मविश्वास और पर्सनैलिटी को निखारने का जरिया बन चुकी हैं।
नई दिल्ली, – फैशन की दुनिया में हील्स को महिलाओं की खूबसूरती और आकर्षण का प्रतीक माना जाता है। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि इनकी शुरुआत महिलाओं के लिए नहीं, बल्कि पुरुषों के लिए हुई थी। हील्स का यह ऐतिहासिक सफर न केवल फैशन के बदलते ट्रेंड को दर्शाता है, बल्कि समाज की बदलती सोच का भी प्रतिबिंब है।
पुरुषों के लिए बनी थी हील्स
हील्स का इतिहास 10वीं शताब्दी से जुड़ा है, जब पर्शियन घुड़सवार ऊंची एड़ी के जूते पहनते थे। इसका उद्देश्य घुड़सवारी के दौरान पैरों को रकाब में स्थिर रखना था। 16वीं शताब्दी में यह ट्रेंड यूरोप पहुंचा और वहां के अभिजात्य वर्ग के पुरुषों ने इसे अपनाया। हील्स धीरे-धीरे एक स्टेटस सिंबल बन गईं और ऊंची एड़ी पहनना रईसी और प्रभावशाली व्यक्तित्व का प्रतीक माना जाने लगा।
राजाओं और अभिजात वर्ग की पसंद
फ्रांस के राजा लुई XIV हील्स के सबसे बड़े प्रशंसकों में से एक थे। उन्होंने न केवल इसे अपने शाही पहनावे में शामिल किया, बल्कि उनके जूतों की लाल हील्स उनकी शक्ति और प्रतिष्ठा को दर्शाती थीं। यूरोप में हील्स का उपयोग मुख्य रूप से कुलीन पुरुषों द्वारा किया जाता था, जो खुद को आम जनता से अलग दिखाना चाहते थे।

महिलाओं के फैशन में हील्स की एंट्री
17वीं शताब्दी के अंत तक, हील्स का प्रचलन महिलाओं के बीच भी बढ़ने लगा। वे पुरुषों के फैशन से प्रेरित होकर हील्स पहनने लगीं, जिससे यह धीरे-धीरे महिलाओं के परिधानों का अहम हिस्सा बन गया। 18वीं शताब्दी के बाद पुरुषों में हील्स पहनने का चलन कम होने लगा, लेकिन महिलाओं ने इसे अपने स्टाइल स्टेटमेंट के रूप में अपना लिया।
19वीं और 20वीं शताब्दी में हील्स का रूपांतरण
इस दौर में हील्स महिलाओं के फैशन का प्रतीक बन गईं। यह न केवल ग्लैमर और आकर्षण बढ़ाने का जरिया बनी, बल्कि महिलाओं के आत्मविश्वास और सशक्तिकरण का प्रतीक भी बन गई। फैशन डिजाइनरों ने अलग-अलग डिजाइन और स्टाइल में हील्स को प्रस्तुत किया, जिससे यह हर महिला की अलमारी का अनिवार्य हिस्सा बन गई।
आधुनिक युग में हील्स का महत्व
आज के समय में हील्स महिलाओं के फैशन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। यह न केवल उनकी पर्सनालिटी को निखारती हैं, बल्कि आत्मविश्वास भी बढ़ाती हैं। अब कम्फर्ट और स्टाइल को ध्यान में रखते हुए फ्लैट हील्स, वेज हील्स और ब्लॉक हील्स जैसे विकल्प भी उपलब्ध हैं, जो महिलाओं को फैशन और आराम दोनों का अनुभव कराते हैं।
हील्स का यह ऐतिहासिक सफर यह दर्शाता है कि फैशन हमेशा बदलता रहता है और समाज की सोच के अनुरूप खुद को ढालता रहता है। पुरुषों के लिए बनी यह स्टाइलिश फुटवियर अब महिलाओं की पहचान बन चुकी है और आने वाले समय में भी इसका क्रेज बरकरार रहेगा।