- डिमेंशिया की समस्या: डिमेंशिया एक गंभीर मानसिक समस्या है, जिसमें दिमाग की कोशिकाएं कमजोर होने लगती हैं और याददाश्त प्रभावित होती है।
- नई स्टडी का खुलासा: वैज्ञानिकों ने शोध में पाया कि जैतून के तेल का सेवन डिमेंशिया से बचाव में मदद कर सकता है।
- जैतून के तेल का महत्व: जैतून का तेल नियमित रूप से सेवन करने से दिमाग की कोशिकाओं की सेहत बनी रहती है, जिससे याददाश्त बेहतर रहती है।
- स्वास्थ्य लाभ: जैतून के तेल के सेवन से मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाया जा सकता है और डिमेंशिया की बीमारी के जोखिम को कम किया जा सकता है।
- सिफारिश: शोधकर्ताओं का कहना है कि अपनी डाइट में जैतून के तेल को शामिल करना डिमेंशिया से बचने का प्रभावी तरीका हो सकता है।
डिमेंशिया एक गंभीर और घातक दिमागी बीमारी है, जिसमें दिमाग की कोशिकाएं कमजोर हो जाती हैं, और व्यक्ति की याददाश्त और संवाद क्षमता प्रभावित होती है। विशेषज्ञों के अनुसार, डिमेंशिया का सबसे प्रमुख कारण अल्जाइमर रोग है, जो 60 से 70 प्रतिशत मामलों में पाया जाता है। इसके अलावा, संवहनी डिमेंशिया, लेवी बॉडी डिमेंशिया और फ्रंटोटेम्पोरल डिमेंशिया जैसे अन्य कारण भी इस बीमारी के लिए जिम्मेदार होते हैं।
हालांकि अब वैज्ञानिकों ने इस संबंध में एक नई और चौंकाने वाली स्टडी में खुलासा किया है। हावर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा की गई इस स्टडी के अनुसार, अगर इंसान अपनी डाइट में जैतून का तेल शामिल करता है, तो उसे डिमेंशिया की बीमारी होने का खतरा कम हो सकता है।
स्टडी का मुख्य निष्कर्ष:

- हावर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा की गई इस स्टडी में 92 हजार से ज्यादा लोगों पर शोध किया गया।
- शोध के परिणामों में यह सामने आया कि जिन लोगों ने अपनी डाइट में रोजाना 7 ग्राम जैतून का तेल सेवन किया, उनमें डिमेंशिया के लक्षण केवल 28 प्रतिशत पाए गए।
- जैतून के तेल में पाए जाने वाले मोनोअनसैचुरेटेड फैट दिमाग की कोशिकाओं को मजबूत बनाने में मददगार होते हैं, जिससे डिमेंशिया के जोखिम को कम किया जा सकता है।
डिमेंशिया का वर्तमान परिदृश्य:
- डिमेंशिया का कोई स्थायी इलाज अभी तक नहीं आया है, और अधिकांश प्रकार के डिमेंशिया लाइलाज होते हैं।
- वर्तमान दवाएं लक्षणों का उपचार कर सकती हैं, लेकिन वे बीमारी को रोकने या उलटने में सक्षम नहीं हैं।
- डिमेंशिया के नए उपचार और संभावित इलाज के लिए शोध जारी है।
जैतून के तेल के फायदे:
- हावर्ड यूनिवर्सिटी के डॉक्टर एश के अनुसार, जैतून का तेल दिमाग के लिए एक बेहतरीन विकल्प है। यह दिमाग की कोशिकाओं को मजबूत करता है और मानसिक सेहत को बेहतर बनाए रखता है।
- जैतून का तेल में मौजूद मोनोअनसैचुरेटेड फैट दिमाग की कार्यक्षमता को बढ़ाता है और मानसिक बीमारियों के जोखिम को कम करता है।
इस नई स्टडी से यह साबित होता है कि डिमेंशिया की बीमारी से बचाव के लिए जैतून का तेल एक प्रभावी और प्राकृतिक उपाय हो सकता है।