- सीएम योगी ने फार्मा सेक्टर के लिए पहली बार एसओपी (SOP) को दी मंजूरी
- उत्तर प्रदेश में दवाओं के उत्पादन और परीक्षण की प्रक्रिया होगी और अधिक व्यवस्थित
- रोजगार के नए अवसर सृजित करने की दिशा में बड़ा कदम
- योजना के लिए 9.50 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान की गई
- यूपी को फार्मा हब बनाने के लिए सरकार का ठोस रोडमैप तैयार
लखनऊ – उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के औषधि क्षेत्र (फार्मा सेक्टर) को नई दिशा देने के लिए बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री ने फार्मा सेक्टर के लिए पहली बार स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) को मंजूरी दे दी है, जिससे प्रदेश में दवाओं के निर्माण और परीक्षण की प्रक्रिया को व्यवस्थित किया जाएगा।
इस योजना के तहत राज्य सरकार ने 9.50 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान की है। इससे न केवल प्रदेश के फार्मा उद्योग को मजबूती मिलेगी, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे और राज्य राष्ट्रीय स्तर पर एक फार्मा हब बनने की दिशा में अग्रसर होगा।
🔶 20 प्रमुख चिकित्सा संस्थानों ने दी क्लीनिकल ट्रायल को स्वीकृति
राज्य के 20 अग्रणी चिकित्सा संस्थानों ने दवाओं के क्लीनिकल ट्रायल्स की प्रक्रिया को स्वीकृति दे दी है। इसके लिए प्रशिक्षण और मानक संचालन प्रक्रियाएं (SOPs) भी तैयार कर ली गई हैं, जिससे फार्मा क्षेत्र में अनुसंधान और परीक्षण की गति तेज होगी।
🔶 ग्लोबल प्रतिस्पर्धा के लिए यूपी फार्मा सेक्टर तैयार
एसओपी के लागू होने के साथ ही यूपी का फार्मा सेक्टर विश्वस्तरीय मानकों के अनुरूप तैयार होगा। इससे दवा निर्माण, परीक्षण और नवाचार में राज्य की भूमिका अहम हो जाएगी।
🔶 फार्मा और मेडिकल एजुकेशन में सुधार के निर्देश
मुख्यमंत्री योगी ने बैठक में फार्मा और चिकित्सा शिक्षा क्षेत्र में सुधार हेतु कई योजनाओं की घोषणा की। इनमें क्षेत्रीय विशेषज्ञों और चिकित्सा संस्थानों के साथ गोलमेज सम्मेलन, फार्मा उद्योग की कार्यप्रणालियों को एकरूप करने के लिए विशेषज्ञों का चयन, और चिकित्सकों को गुड क्लीनिकल प्रैक्टिस हेतु प्रशिक्षित करने की योजना शामिल है।
🔶 अनुसंधान और नवाचार को मिलेगा बढ़ावा
प्रदेश सरकार प्रमुख संस्थाओं के साथ समझौता ज्ञापन (MoU) साइन करेगी, जिससे फार्मा क्षेत्र में अनुसंधान और नवाचार को बल मिलेगा और दवा निर्माण की प्रक्रिया में वैश्विक गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सकेगी।