- तेज गुस्सा दिल के लिए खतरा: शरीर में होने वाले बदलाव बढ़ाते हैं हार्ट अटैक का जोखिम
- गुस्से में ब्लड प्रेशर और हार्ट रेट तेजी से बढ़ते हैं, जिससे हृदय पर पड़ता है अतिरिक्त दबाव
- एंगर मैनेजमेंट जरूरी: मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए गुस्से पर नियंत्रण बेहद जरूरी
- योग, मेडिटेशन और डीप ब्रीदिंग जैसे उपाय कर सकते हैं मदद
- तनाव और गुस्से को नियंत्रित कर दिल को रखें सेहतमंद
नई दिल्ली। गुस्सा एक सामान्य मानवीय भावना है, लेकिन बार-बार और अत्यधिक गुस्सा न केवल मानसिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है, बल्कि यह दिल की सेहत पर भी गंभीर प्रभाव डाल सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, अत्यधिक गुस्से से हृदय रोगों, हाई ब्लड प्रेशर और यहां तक कि हार्ट अटैक का खतरा भी बढ़ सकता है।
गुस्सा और दिल का सीधा कनेक्शन
जब हम गुस्सा करते हैं, तो शरीर में स्ट्रेस हार्मोन — कोर्टिसोल और एड्रेनालिन — का स्तर तेजी से बढ़ता है। इससे हार्ट रेट (दिल की धड़कन) तेज हो जाती है, ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है और रक्त नलिकाएं संकुचित हो जाती हैं। यह स्थिति यदि बार-बार हो, तो यह हृदय संबंधी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती है।
दिल पर गुस्से का असर:
- हाई ब्लड प्रेशर: गुस्से के दौरान ब्लड प्रेशर में अचानक वृद्धि हृदय की आर्टरीज़ को नुकसान पहुंचा सकती है।
- हार्ट अटैक का खतरा: बार-बार गुस्सा करने वाले लोगों में दिल का दौरा पड़ने की आशंका अधिक रहती है।
- अनियमित धड़कन (एरिथमिया): गुस्सा दिल की धड़कन को असामान्य बना सकता है, जो जानलेवा हो सकता है।
- आर्टरीज में सूजन व ब्लॉकेज: गुस्से से शरीर में सूजन बढ़ती है, जिससे आर्टरीज में कोलेस्ट्रॉल जम सकता है और कोरोनरी आर्टरी डिज़ीज़ (CAD) हो सकता है।
एंगर मैनेजमेंट के प्रभावी उपाय:
- गहरी सांस लें: गुस्से की स्थिति में 5-7 बार गहरी सांस लेने से मन शांत होता है और दिल की धड़कन सामान्य होती है।
- नियमित योग और मेडिटेशन करें: मानसिक संतुलन बनाए रखने के लिए योग, प्राणायाम और मेडिटेशन बेहद असरदार हैं।
- पूरी नींद लें: पर्याप्त नींद चिड़चिड़ापन कम करती है और मानसिक स्थिरता बनाए रखती है।
- पॉजिटिव सोचें: नकारात्मक विचारों से बचें और किसी भी परिस्थिति को शांति से समझने की आदत डालें।
- प्रोफेशनल मदद लें: अगर गुस्सा लगातार नियंत्रण से बाहर हो रहा है, तो किसी साइकोलॉजिस्ट या काउंसलर से सलाह लें।
गुस्सा अगर नियंत्रण में न रहे, तो यह न केवल आपके रिश्तों को प्रभावित कर सकता है, बल्कि आपके दिल की सेहत को भी खतरे में डाल सकता है। इसलिए समय रहते एंगर मैनेजमेंट अपनाएं और अपने दिल को रखें स्वस्थ और सुरक्षित।
Disclaimer: यह जानकारी सामान्य सूचना के लिए है। किसी भी स्वास्थ्य समस्या के लिए विशेषज्ञ डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।