• ग्लूटेन-फ्री का मतलब हमेशा हेल्दी नहीं – बिना जांच-परख के इस ट्रेंड को अपनाने से नुकसान हो सकता है।
  • सीलिएक डिजीज और ग्लूटेन सेंसिटिविटी वालों के लिए जरूरी – लेकिन सामान्य लोगों के लिए कोई विशेष लाभ नहीं।
  • प्रोसेस्ड ग्लूटेन-फ्री फूड में अधिक शुगर और फैट – जिससे वजन बढ़ने और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का खतरा।
  • पौष्टिकता में कमी – ग्लूटेन-फ्री उत्पादों में जरूरी फाइबर, विटामिन बी, आयरन और मिनरल्स की कमी हो सकती है।
  • संतुलित आहार ही सबसे बेहतर विकल्प – जरूरत के अनुसार ही डाइट में बदलाव करें, फैशन ट्रेंड के पीछे न भागें।

नई दिल्ली – मौजूदा दौर में ग्लूटेन-फ्री प्रोडक्ट्स एक बड़ा फूड ट्रेंड बन चुके हैं, जिसे सेलिब्रिटीज और इंफ्लुएंसर्स द्वारा जोर-शोर से प्रमोट किया जाता है। लेकिन क्या सिर्फ ग्लूटेन-फ्री लेबल किसी उत्पाद को ऑटोमेटिक रूप से हेल्दी बना देता है? न्यूट्रिशन एक्सपर्ट्स का कहना है कि बिना सही जानकारी के इस ट्रेंड को फॉलो करना स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हो सकता है।

ग्लूटेन क्या है?

ग्लूटेन एक प्रोटीन है, जो मुख्य रूप से गेहूं, राई, जौ और जई में पाया जाता है। यह ब्रेड और पास्ता जैसे खाद्य पदार्थों को इलास्टिसिटी और टेक्सचर देता है। सीलिएक डिजीज से पीड़ित लोगों को इससे बचना चाहिए क्योंकि यह उनकी आंतों को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा सकता है और अन्य स्वास्थ्य संबंधी जटिलताओं का कारण बन सकता है।

क्या ग्लूटेन-फ्री डाइट वास्तव में हेल्दी है?

कई लोग मानते हैं कि ग्लूटेन को हटाने से वजन कम होता है और स्वास्थ्य बेहतर होता है, लेकिन न्यूट्रिशनिस्ट निखिल वत्स के अनुसार, कई ग्लूटेन-फ्री प्रोडक्ट्स में ग्लूटेन की कमी को पूरा करने के लिए अतिरिक्त शुगर, फैट्स और प्रिजर्वेटिव्स मिलाए जाते हैं। इससे इन उत्पादों की कैलोरी की मात्रा बढ़ जाती है, जो इन्हें कम हेल्दी बना सकता है।

क्या आपको ग्लूटेन-फ्री डाइट अपनानी चाहिए?

अगर आपको सीलिएक डिजीज या ग्लूटेन सेंसिटिविटी नहीं है, तो ग्लूटेन से बचने की कोई विशेष आवश्यकता नहीं है। साबुत गेहूं, सूजी और दलिया जैसे खाद्य पदार्थ फाइबर, विटामिन और मिनरल्स से भरपूर होते हैं, जो संतुलित आहार के लिए आवश्यक हैं। बेवजह इन्हें हटाने से पोषण की कमी हो सकती है।

ग्लूटेन के फायदे

ग्लूटेन-इंटॉलरेंस न होने पर साबुत अनाज शरीर को विटामिन बी, आयरन और फाइबर जैसे आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करते हैं। यह पाचन सुधारने, वजन प्रबंधन, डायबिटीज और हृदय रोग के खतरे को कम करने में सहायक होते हैं।

संतुलित आहार अपनाना ही सही उपाय

आज के समय में फूड ट्रेंड्स को आंख मूंदकर अपनाने के बजाय, दीर्घकालिक स्वास्थ्य के लिए संतुलित आहार पर ध्यान देना आवश्यक है। अनावश्यक रूप से ग्लूटेन-फ्री डाइट अपनाने से पहले विशेषज्ञ से परामर्श लेना बेहतर होगा।

Disclaimer: यह जानकारी केवल जागरूकता के लिए दी गई है। कृपया किसी भी आहार परिवर्तन से पहले अपने डॉक्टर या पोषण विशेषज्ञ से परामर्श लें।

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