• हर साल 8 मार्च को मनाया जाता है इंटरनेशनल वीमेंस डे।
  • अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की शुरुआत लगभग एक सदी पहले हुई थी।
  • संयुक्त राष्ट्र ने 1975 में 8 मार्च को आधिकारिक रूप से अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मान्यता दी।
  • यह दिन महिलाओं के अधिकारों, समानता और सशक्तिकरण को समर्पित है।
  • दुनियाभर में विभिन्न कार्यक्रमों और अभियानों के जरिए महिलाओं की उपलब्धियों को किया जाता है सम्मानित।

नई दिल्ली – 8 मार्च केवल एक तारीख नहीं, बल्कि नारी शक्ति, संघर्ष और सफलता का प्रतीक है। यह दिन महिलाओं के अधिकारों, समानता और सशक्तिकरण के प्रति जागरूकता बढ़ाने और उनके योगदान को सम्मान देने के लिए पूरी दुनिया में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मनाया जाता है। International Women’s Day 2025 की थीम ‘एक्सीलरेट एक्शन’ (Accelerate Action) रखी गई है, जिसका उद्देश्य महिलाओं की प्रगति को और तेजी से आगे बढ़ाना है।

महिला दिवस का इतिहास: कैसे हुई इसकी शुरुआत?

आज महिलाएं हर क्षेत्र में अपनी पहचान बना रही हैं, लेकिन यह सफर आसान नहीं था।

  • 1908 में न्यूयॉर्क में 15,000 महिलाओं ने प्रदर्शन किया, जिसमें उन्होंने कम वेतन, बेहतर कार्यस्थल परिस्थितियों और वोटिंग अधिकार की मांग की।
  • 1910 में डेनमार्क के कोपेनहेगन में एक अंतरराष्ट्रीय महिला सम्मेलन हुआ, जहां जर्मनी की समाजवादी नेता क्लारा जेटकिन ने हर साल महिलाओं के अधिकारों के लिए एक दिन समर्पित करने का प्रस्ताव रखा।
  • 1911 में पहली बार ऑस्ट्रिया, डेनमार्क, जर्मनी और स्विट्जरलैंड में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया।
  • रूस में 1917 में महिलाओं ने बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किया, जिसके बाद 8 मार्च को आधिकारिक रूप से महिला दिवस के रूप में चुना गया।
  • 1977 में संयुक्त राष्ट्र (UN) ने इस दिन को आधिकारिक मान्यता दी और तब से यह दिवस हर साल मनाया जाता है।
महिला दिवस क्यों है इतना खास?

आज भी दुनिया भर में लैंगिक असमानता, घरेलू हिंसा, वेतन भेदभाव और महिला शिक्षा जैसे मुद्दे मौजूद हैं। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस हमें याद दिलाता है कि महिलाओं के लिए समान, सुरक्षित और सशक्त समाज बनाने के लिए निरंतर प्रयास जरूरी हैं।

महिला दिवस मनाने का उद्देश्य:
  • महिला अधिकारों के प्रति जागरूकता बढ़ाना।
  • महिलाओं को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाना।
  • लैंगिक समानता (Gender Equality) को बढ़ावा देना।
  • महिला शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के अवसरों में सुधार करना।
महिला शक्ति को सलाम!

भारत और दुनिया की कई महिलाओं ने अपनी उपलब्धियों से इतिहास रचा है –

  • कल्पना चावला ने अंतरिक्ष में उड़ान भरकर भारत का सिर ऊंचा किया।
  • मैरी कॉम ने बॉक्सिंग में विश्व विजेता बनकर नारी शक्ति की मिसाल पेश की।
  • इंदिरा गांधी भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं और राजनीति में अपनी अमिट छाप छोड़ी।
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 2025 की थीम: ‘Accelerate Action’

इस साल का थीम ‘Accelerate Action’ है, जिसका अर्थ है महिलाओं की प्रगति को और तेज़ करना। इस थीम के तहत महिलाओं की सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस सिर्फ एक दिन का उत्सव नहीं, बल्कि महिलाओं के हक और समानता की दिशा में एक सतत प्रयास है। इस अवसर पर हम सभी को संकल्प लेना चाहिए कि हम महिलाओं के अधिकारों, उनकी सुरक्षा और उनके सशक्तिकरण के लिए हमेशा आवाज उठाएंगे।

नारी शक्ति को नमन! एक सशक्त समाज के लिए महिलाओं का सम्मान और समानता जरूरी है।

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