- 🔹 भारत की ऐतिहासिक खूबसूरती – भारत अपनी अद्भुत वास्तुकला और ऐतिहासिक इमारतों के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध है।
- 🔹 इतिहास में महिलाओं की भागीदारी – कई ऐसी भव्य इमारतें हैं, जो केवल अपनी सुंदरता ही नहीं, बल्कि महिलाओं की शक्ति और योगदान के लिए भी जानी जाती हैं।
- 🔹 शक्ति और कला का संगम – ये इमारतें न केवल वास्तुकला का अनूठा उदाहरण हैं, बल्कि महिला सशक्तिकरण की गवाही भी देती हैं।
- 🔹 दुनियाभर के पर्यटकों का आकर्षण – इन इमारतों को देखने के लिए देश-विदेश से पर्यटक आते हैं और भारत की समृद्ध संस्कृति को निहारते हैं।
- 🔹 नारी शक्ति का अमर प्रतीक – ये ऐतिहासिक इमारतें बताती हैं कि महिलाओं ने न केवल समाज को दिशा दी, बल्कि भव्य निर्माणों के माध्यम से अपनी अमिट छाप भी छोड़ी।
नई दिल्ली – दुनियाभर में भारत अपनी अनूठी संस्कृति और परंपरा के लिए जाना जाता है। यहां की कला और संस्कृति पूरी दुनिया से लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करती है। अनेकता में एकता से भरे इस देश में कई चीजें मशहूर हैं। यहां के खानपान से लेकर खूबसूरत इमारतों तक, भारत को नजदीक से देखने और जानने के लिए हर साल लाखों लोग यहां आते हैं।
महिला दिवस के अवसर पर, हम आपको ऐसी पांच ऐतिहासिक इमारतों के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें महिला शासकों ने बनवाया था। इन इमारतों के निर्माण की प्रेरणा और इतिहास को कम ही लोग जानते हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में:
1. इतिमाद-उद-दौला, आगरा
ताज महल का नाम तो हर किसी ने सुना होगा, लेकिन आगरा में एक मिनी ताज महल भी है, जो इतिहास में खास महत्व रखता है। इसे सम्राट जहांगीर की पत्नी, महारानी नूरजहां ने 1622 और 1628 के बीच अपने पिता मीर गयास बेग की स्मृति में बनवाया था। संगमरमर से निर्मित यह मकबरा बारीक नक्काशी और सुंदर वास्तुकला का बेजोड़ नमूना है।
2. हुमायूं का मकबरा, नई दिल्ली
देश की राजधानी में स्थित हुमायूं का मकबरा 1565 और 1572 के बीच फारसी और मुगल वास्तुकला के मिश्रण से बना था। इसे हुमायूं की पत्नी हामिदा बानू बेगम (हाजी बेगम) ने बनवाया था। यह भारत का पहला उद्यान-मकबरा था, जिसने बाद में मुगल स्थापत्य कला को नई दिशा दी।
3. विरुपाक्ष मंदिर, पट्टाडकल
कर्नाटक के पट्टाडकल में स्थित विरुपाक्ष मंदिर द्रविड़ वास्तुकला का पहला शानदार उदाहरण है। इसे 740 ईस्वी में विक्रमादित्य द्वितीय की पत्नी लोकमहादेवी ने अपने पति की पल्लवों पर विजय का जश्न मनाने के लिए बनवाया था। इस मंदिर की भव्यता और ऐतिहासिक महत्व इसे एक अनोखी पहचान देते हैं।
4. रानी की वाव, पाटन, गुजरात
गुजरात के पाटन में स्थित ‘रानी की वाव’ एक खूबसूरत बावड़ी है, जिसे सोलंकी वंश के राजा भीमदेव प्रथम की रानी उदयमती ने 1063 ईस्वी में बनवाया था। इसकी अनोखी वास्तुकला और ऐतिहासिक महत्व को देखते हुए 2014 में यूनेस्को ने इसे विश्व धरोहर स्थल घोषित किया। यह बावड़ी भारत में जल संरक्षण प्रणाली की एक उत्कृष्ट मिसाल है।
5. लाल दरवाजा मस्जिद, जौनपुर
जौनपुर में स्थित लाल दरवाजा मस्जिद का निर्माण 1447 ईस्वी में सुल्तान महमूद शर्की की पत्नी बीबी राजे ने करवाया था। यह मस्जिद संत सैय्यद अली दाऊद कुतुबुद्दीन को समर्पित है। इसकी स्थापत्य कला और डिजाइन प्रसिद्ध ‘अटाला मस्जिद’ से काफी मेल खाती है, जिससे इसका ऐतिहासिक महत्व और बढ़ जाता है।
नारी शक्ति और स्थापत्य कला का संगम
इन ऐतिहासिक इमारतों का निर्माण यह दर्शाता है कि महिलाओं ने न केवल समाज को दिशा दी, बल्कि भव्य निर्माणों के माध्यम से अपनी अमिट छाप भी छोड़ी। महिला दिवस 2025 के इस खास अवसर पर, यह जानना महत्वपूर्ण है कि भारतीय इतिहास में महिलाओं ने किस तरह से अपनी शक्ति, संकल्प और सृजनशीलता से विरासत को समृद्ध किया है।