- महिलाओं के लिए स्मोकिंग ज्यादा नुकसानदायक, पुरुषों की तुलना में अधिक गंभीर स्वास्थ्य प्रभाव।
- गर्भावस्था पर बुरा असर, स्मोकिंग से गर्भपात, समय से पहले डिलीवरी और नवजात शिशु के स्वास्थ्य पर पड़ता है खतरा।
- हृदय रोग और कैंसर का बढ़ता जोखिम, धूम्रपान करने वाली महिलाओं में हार्ट अटैक और फेफड़ों के कैंसर का खतरा ज्यादा।
- त्वचा और प्रजनन क्षमता पर असर, स्मोकिंग से उम्र से पहले झुर्रियां, बांझपन और हॉर्मोन असंतुलन की समस्या।
- नो स्मोकिंग डे पर लें संकल्प, धूम्रपान छोड़कर स्वस्थ जीवन की ओर बढ़ाएं कदम।
नई दिल्ली। दुनियाभर में नो स्मोकिंग डे 2025 को 12 मार्च को मनाया जा रहा है। यह दिन हर साल मार्च के दूसरे बुधवार को मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य लोगों को धूम्रपान छोड़ने के लिए प्रेरित करना और इससे होने वाले खतरों के प्रति जागरूक करना है। धूम्रपान न केवल पुरुषों बल्कि महिलाओं के लिए भी बेहद घातक साबित हो सकता है। सी.के. बिरला हॉस्पिटल, गुरुग्राम में क्रिटिकल केयर एवं पल्मोनोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. कुलदीप कुमार ग्रोवर ने बताया कि महिलाओं के लिए धूम्रपान पुरुषों की तुलना में ज्यादा नुकसानदायक होता है।
महिलाओं के लिए क्यों ज्यादा खतरनाक है स्मोकिंग?
डॉक्टर ग्रोवर के अनुसार, महिलाओं का शरीर बायोलॉजिकल, हार्मोनल और मेटाबॉलिज्म संबंधी अंतरों के कारण धूम्रपान के प्रति अधिक संवेदनशील होता है। तंबाकू सेवन से पुरुषों और महिलाओं दोनों को फेफड़ों के कैंसर, क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) और हृदय रोगों का खतरा होता है, लेकिन कम मात्रा में तंबाकू सेवन करने के बावजूद महिलाओं में इन बीमारियों का खतरा ज्यादा होता है।
महिलाओं के लिए स्मोकिंग से जुड़े खतरे
- फेफड़ों का कैंसर जल्दी और कम सिगरेट पीने से भी हो सकता है।
- रेस्पिरेटरी समस्याओं की संभावना अधिक, जिससे अस्थमा और ब्रोंकाइटिस का खतरा बढ़ता है।
- प्रजनन क्षमता पर असर, जिससे बांझपन और गर्भावस्था संबंधी जटिलताएं हो सकती हैं।
- समय से पहले मेनोपॉज, जिससे हॉर्मोनल असंतुलन और ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा बढ़ता है।
- त्वचा पर बुरा असर, कोलेजन को नुकसान पहुंचाकर समय से पहले झुर्रियां और बुढ़ापा लाता है।
इन महिलाओं के लिए स्मोकिंग और भी खतरनाक
धूम्रपान करने वाली महिलाओं, विशेष रूप से गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन करने वाली महिलाओं में हृदय रोग का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। स्मोकिंग ब्लड वेसल्स को संकुचित कर देती है और खून के थक्के जमने की संभावना को बढ़ा देती है, जिससे हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा अधिक हो जाता है। निकोटीन मेटाबॉलिज्म पर हार्मोनल उतार-चढ़ाव का प्रभाव अधिक पड़ता है, जिससे महिलाओं के लिए स्मोकिंग छोड़ना मुश्किल हो जाता है।
पैसिव स्मोकिंग भी है खतरनाक
सिर्फ धूम्रपान करने वाली महिलाएं ही नहीं, बल्कि पैसिव स्मोकिंग (दूसरों के धुएं के संपर्क में आना) भी गर्भवती महिलाओं और उनके शिशु के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकता है। इससे कम वजन के शिशु का जन्म, नवजात मृत्यु दर में वृद्धि और विकास संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
नो स्मोकिंग डे पर लें संकल्प
नो स्मोकिंग डे पर यह आवश्यक है कि महिलाएं अपनी स्वास्थ्य रक्षा और बेहतर भविष्य के लिए धूम्रपान छोड़ने का संकल्प लें। धूम्रपान रोकने के लिए मेडिकल सहायता, निकोटीन रिप्लेसमेंट थेरेपी और जागरूकता अभियानों का सहारा लिया जा सकता है।
धूम्रपान स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक है और महिलाओं के लिए इसके दुष्प्रभाव और भी अधिक हैं। इस नो स्मोकिंग डे पर धूम्रपान छोड़ने का संकल्प लें और एक स्वस्थ जीवन की ओर कदम बढ़ाएं।