बसंत पंचमी के पावन पर्व पर जनपद के सभी विद्यालयों में सरस्वती पूजन के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन हुआ वहीं पर शास्त्री नगर स्थित गंधर्व संगीत समिति विद्यालय का संचालन विगत 42 वर्षों से डॉ .श्रद्धा मालवीय , श्री रामेश्वर मालवीय, डॉ .राकेश्वर मालवीय द्वारा संचालित किया जा रहा है। इस पावन अवसर पर महाराणा प्रताप डिग्री कॉलेज के प्रोफेसर डॉ.एम.पी .सिंह जो साहित्य जगत में भी अपनी एक अलग पहचान रखते हैं, उन्होंने एक अनमोल वाद्य यंत्र हारमोनियम को गंधर्व संगीत समिति सुल्तानपुर को सप्रेम भेंट किया।

इस हरमोनियम का इतिहास बताते हुए डॉ.सिंह न कहा कि यह हारमोनियम कई पीढियों का सफर तय करते हुए यहां पहुंची है। डॉ. सिंह ने बताया कि मेरी बड़ी बहू के पर दादा जो हिमाचल प्रदेश के कालका जनपद के रेलवे स्टेशन में कार्यरत थे। उस वक्त वहां पे बहुत से स्वतंत्रता संग्राम सेनानी आया जाया करते थे। हमारी बहू के परदादा संगीत प्रेमी थे। वह हारमोनियम और सितार बजाए करते थे। अक्सर शाम को जब भी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी वहां आते थे तो संगीत की एक बैठक होती थी। उस बैठक में भारत के लौहपुरुष और प्रथम गृह मंत्री हुए सरदार वल्लभभाई पटेल जी भी आया जाया करते थे। उनको भी संगीत में विशेष रूचि थी वह अक्सर संगीत की बैठक में शामिल होते थे। इसी तरह धीरे-धीरे मेरे बहू के परदादा से उनकी मित्रता हुई और उनकी संगीत साधना से प्रभावित होकर उन्होंने उनसे कहा कि मैं आपको अपने यहां का एक वाद्य यंत्र सप्रेम भेंट करूंगा और उन्होंने पर दादाजी को आजादी के पहले की यह अनुपम भेट स्वरूप हारमोनियम प्रदान किया।
डॉक्टर सिंह ने बताया कि यह हारमोनियम पीढ़ी दर पीढ़ी संगीत की यात्रा को पूर्ण करती रही तब से इस परंपरा का निर्वहन करते हुए वह हारमोनियम हमारी बड़ी बहू के द्वारा हमारे घर में आया और हमारी बड़ी बहू ने कहा कि मैं इसे किसी ऐसे सुयोग्य हाथों में सौंपू, जिससे इसकी गरिमा बनी रहे और मैंने यह निर्णय लिया की यह वाद्य यंत्र गंधर्व संगीत समिति विद्यालय परिवार को सौपा जाए। मैं आज यही सप्रेम भेंट देने आया हूं।