लखनऊ के अलीगंज स्थित कला स्रोत आर्ट गैलरी में रविवार को पेंटिंग एग्जीबिशन ‘कैथार्सिस’ की शुरुआत हुई। इस दौरान भारतीय रेलवे इंटीग्रल कोच फैक्ट्री के रिटायर्ड जीएम सुधांशु मणि चीफ गेस्ट रहे। 6 दिवसीय इस एग्जीबिशन का आयोजन आर्ट फैमली इंडिया द्वारा किया जा रहा है। एग्जीबिशन में भारत ही नहीं, बांग्लादेश के पेंटर्स की भी शानदार कलाकारी देखने को मिली। पेंटिंग देखने पहुंचे सभी लोगों ने देखकर बोला ‘’वाह कितनी लाजवाब पेंटिंग है’।
ग्रीक शब्द ‘कैथार्सिस का अर्थ होता है ‘साफ होना’ या ‘शुद्ध हो जाना’। कभी-कभी ऐसा होता है कि किसी तरह की आर्ट से इंसान का मन साफ हो जाता है। एग्जीबिशन के क्युरेटर राजिब सिकदार ने कहा- “हर इंसान में सुखी और दुखी भावना होती है। वो इंसान की ताकत भी होती है और कमजोरी भी। इसी तरह कल्पना भी इंसान की ताकत है। जब वो कल्पना रंगों का जेवर पहन, कैनवस तक आर्ट के रूप में पहुंचती है। तब एक आर्टिस्ट का जन्म होता है। भारत और बांग्लादेश के कुछ ऐसे ही आर्टिस्ट ने अपनी कल्पना से पेंटिंग में अपनी भावना प्रेजेंट करने की कोशिश की है”।
इन आर्टिस्ट की पेंटिंग्स होंगी प्रदर्शित
12 से 17 मार्च तक चलने वाली इस एग्जीबिशन में भारत के जयदीप भट्टाचार्य, एसए जाफर, बिप्लब दत्ता, पलाश पॉल, मनीषा दोहरे, हरप्रसाद चटर्जी, राजीब सिकदार, डॉ. खोकन राउत, चंचल सिन्हा राय, हिरानमय पटनायक, तपन मित्रा, सुब्रो कुमार चटर्जी, मैत्री नंदी और संजय राज की पेंटिंग शामिल हैं। वहीं, बांग्लादेश से नजमा अख्तर, राशेद सुखोंन, तस्लीमा अख्तर बाधोन और अबू कलाम शमशुद्दीन की पेंटिंग लोग देख सकेंगे।



