चार साल पुराने रेप केस में बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन को सुप्रीम कोर्ट से भी झटका लगा है। शाहनवाज ने सुप्रीम कोर्ट से FIR दर्ज करने पर रोक लगाने की अपील की थी। कोर्ट ने कहा कि मामले की सही ढंग से जांच होनी चाहिए। इसमें दखल देने की वजह नजर नहीं आती। आप सही होंगे तो बच जाएंगे। लिहाजा अब शाहनवाज पर रेप केस दर्ज होगा।

शाहनवाज पर रेप का आरोप 2018 में एक महिला ने लगाया था। चार साल से मामला अदालत में है, लेकिन पुलिस FIR दर्ज नहीं कर रही।
मामले की शुरुआत होती है 26 अप्रैल 2018 से। एक महिला ने दिल्ली पुलिस को एक लिखित शिकायत दी। इसमें उसने आरोप लगाया कि बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन ने उसका रेप किया है।
शिकायत में लिखा था कि 12 अप्रैल 2018 को शाहनवाज हुसैन ने उसे छतरपुर के एक फार्म हाउस में बुलाया था। वहां धोखे से नशीला पदार्थ खिलाकर उसके साथ रेप किया।
महिला ने महरौली थाने के SHO को भी लिखित शिकायत दी, जिसे उन्होंने रिसीव नहीं किया। महिला पर इन शिकायतों को वापस लेने का दबाव था, लेकिन वह इन दबावों के आगे नहीं झुकी।

पुलिस ने FIR नहीं लिखी तो कोर्ट पहुंची महिला
महिला ने 21 जून 2018 को नई दिल्ली के मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट, साकेत कोर्ट में शाहनवाज हुसैन के खिलाफ IPC की धाराओं 376, 328, 120B, 506 के तहत शिकायत दर्ज कराई। साथ ही CrPC के सेक्शन 156(3) के तहत कोर्ट से पुलिस को शाहनवाज के खिलाफ FIR दर्ज करने का भी आदेश देने की अपील की थी।
ये मामला साकेत कोर्ट के सामने सुनवाई के लिए 25 जून 2018 को आया। कोर्ट ने मामले में महरौली के SHO से एक्शन टेकन रिपोर्ट यानी ATR मांगी। 4 जुलाई 2018 को पुलिस ने कोर्ट में बताया कि उसकी जांच के मुताबिक याचिकाकर्ता की शिकायत में लगाए गए आरोपों को सच नहीं पाया गया।
पुलिस ने कहा था- झूठा है आरोप, कोई सबूत नहीं मिले
पुलिस ने कोर्ट में दाखिल ATR में आरोपों को फर्जी बताया। पुलिस ने कहा- शाहनवाज कथित घटना के दिन रात 9:15 बजे के बाद अपने घर से बाहर नहीं निकले। ऐसे में महिला के उनके रात 10:30 बजे छतरपुर में होने का आरोप सही नहीं हो सकता।
पुलिस ने महिला के शाहनवाज से रोशन टेंट हाउस में मिलने के आरोपों को गलत बताते हुए कहा, ‘वहां मौजूद गवाहों ने इस दावे की पुष्टि नहीं की और CCTV फुटेज से भी इन दावों की पुष्टि नहीं हुई।’
पुलिस के अनुसार महिला के 12 अप्रैल 2018 को छतरपुर फार्महाउस में शाहनवाज हुसैन के साथ होने के दावों को फार्महाउस के गवाहों ने भी खंडन किया है। महिला की कॉल डिटेल रिकॉर्ड से पता चला कि वह उस दिन रात 10:45 तक द्वारका में थी, ऐसे में जांच में उसका पूरा केस फर्जी पाया गया है।