प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 21 जुलाई को G20 श्रम और रोजगार मंत्रियों की बैठक में शामिल हुए। प्रधानमंत्री ने कहा कि कोविड के दौरान भारत में फ्रंटलाइन स्वास्थ्य और अन्य कार्यकर्ताओं द्वारा किए गए अद्भुत काम ने उनके कौशल और समर्पण को दिखाया। उन्होंने कहा कि भारत में दुनिया में कौशल कार्यबल के सबसे बड़े प्रदाताओं में से एक बनने की क्षमता है।
युवाओं के लिए रोजगार पैदा करने की अपार संभावनाएं
स्किल इंडिया मिशन को लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “लचीली कार्य व्यवस्था प्रदान करता है और आय स्रोतों की भी पूर्ति करता है। इसमें विशेषकर युवाओं के लिए लाभकारी रोजगार पैदा करने की अपार संभावनाएं हैं। यह महिलाओं के सामाजिक-आर्थिक सशक्तिकरण के लिए एक परिवर्तनकारी उपकरण भी हो सकता है। इसकी क्षमता का एहसास करने के लिए, हमें नए जमाने के श्रमिकों के लिए नए जमाने की नीतियां और हस्तक्षेप डिजाइन करने की जरूरत है।”
उन्होंने कहा, “इन कर्मचारियों और श्रमिकों के संबंध में आंकड़े, सूचना और डेटा साझा करना शुरुआत करने का एक शानदार तरीका हो सकता है। यह दुनिया भर के देशों को बेहतर कौशल, कार्यबल योजना और लाभकारी रोजगार के लिए साक्ष्य आधारित नीतियां बनाने के लिए सशक्त बनाएगा।”
कौशल के विकास करने में G20 निभाए मुख्य भूमिका
पीएम मोदी ने कहा, “अब सही अर्थों में कौशल के विकास और साझाकरण को वैश्वीकृत करने का समय आ गया है। G20 को इसमें अग्रणी भूमिका निभानी चाहिए। मैं कौशल और योग्यता आवश्यकताओं के आधार पर व्यवसायों का अंतर्राष्ट्रीय संदर्भ शुरू करने के आपके प्रयासों की सराहना करता हूं। इसके लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और समन्वय तथा प्रवासन और गतिशीलता भागीदारी के नए मॉडल की आवश्यकता है।”