विपक्षी दलों के नेताओं की नई खेप की आमद से भाजपा ने पूर्वांचल के साथ ही पश्चिमी उप्र में सहारनपुर और मुरादाबाद मंडलों की लोकसभा सीटों पर अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश की है। पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा ने प्रदेश की 80 में से 62 और उसके सहयोगी अपना दल (एस) ने मीरजापुर और राबर्ट्सगंज की दो लोकसभा सीटें जीती थीं।
विपक्षी दलों में सेंध लगाकर भाजपा अपने विरोधियों पर मनौवैज्ञानिक दबाव बनाने के साथ ही पिछले लोकसभा में हारी 14 सीटों पर जातीय समीकरणों को मजबूत कर पासा पलटने की मुहिम में जुटी है।
2019 में भाजपा ने जीती थी 62 सीटें
विपक्षी दलों के नेताओं की नई खेप की आमद से भाजपा ने पूर्वांचल के साथ ही पश्चिमी उप्र में सहारनपुर और मुरादाबाद मंडलों की लोकसभा सीटों पर अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश की है। पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा ने प्रदेश की 80 में से 62 और उसके सहयोगी अपना दल (एस) ने मीरजापुर और राबर्ट्सगंज की दो लोकसभा सीटें जीती थीं।
बाकी 16 सीटें बसपा, सपा और कांग्रेस के खाते में गई थीं। उपचुनाव में भाजपा ने आजमगढ़ और रामपुर लोकसभा सीटें सपा से छीन ली थीं। 14 सीटें अब भी पार्टी के कब्जे से बाहर हैं, जिनमें बिजनौर, नगीना, सहारनपुर, अमरोहा, संभल, मुरादाबाद, मैनपुरी, रायबरेली, अंबेडकरनगर, श्रावस्ती, गाजीपुर, घोसी, जौनपुर और लालगंज शामिल हैं।