Wednesday, October 16, 2024

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असम में नहीं बढ़ेंगी लोकसभा और विधानसभा की सीटें

चुनाव आयोग ने इस साल 26 से 28 मार्च तक असम का दौरा किया था और राज्य में परिसीमन की कवायद के तहत राजनीतिक दलों जनप्रतिनिधियों नागरिक संस्थाओं के सदस्यों सामाजिक संगठनों आमजन और मुख्य निर्वाचन अधिकारी सभी जिलों के उपायुक्तों तथा जिला चुनाव अधिकारियों के साथ बातचीत की थी।

चुनाव आयोग ने असम के लिए परिसीमन मसौदा दस्तावेज जारी करते हुए इस पूर्वोत्तर राज्य में विधानसभा सीटों की संख्या 126 और लोकसभा सीटों की संख्या 14 बरकरार रखने का प्रस्ताव दिया है।

क्या है प्रस्ताव

इसमें कहा गया है कि अनुसूचित जाति (एससी) के लिए आरक्षित विधानसभा सीट को आठ से बढ़ाकर नौ और अनुसूचित जनजाति (एसटी) की सीटों को 16 से बढ़ाकर 19 किया जाए। अनुसूचित जनजाति के लिए विधानसभा की 19 और दो संसदीय सीट तथा अनुसूचित जाति के लिए विधानसभा की नौ और एक संसदीय सीट आरक्षित करने का प्रस्ताव है।

अनुसूचित के लिए आरक्षित दीफू और कोकराझार संसदीय सीट को रखा बरकरार

आधिकारिक बयान के अनुसार, चुनाव आयोग ने प्रस्ताव दिया कि वेस्ट कार्बी आंगलोंग के स्वायत्त जिलों में विधानसभा सीट की संख्या एक और बोडोलैंड स्वायत्त परिषद क्षेत्रों में तीन (16 से 19) तक बढ़ाई जाए। निर्वाचन आयोग ने अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित दीफू और कोकराझार संसदीय सीट को बरकरार रखा है तथा लखीमपुर संसदीय सीट को अनारक्षित रखा है।

एक संसदीय सीट का नाम काजीरंगा रखने का दिया प्रस्ताव

प्रस्तावों के अनुसार, धेमाजी जिले में एक अनारक्षित विधानसभा सीट होगी। बराक घाटी जिलों के लिए दो संसदीय सीट प्रस्तावित की गई हैं। आयोग ने एक संसदीय सीट का नाम काजीरंगा रखने का प्रस्ताव दिया है। निर्वाचन आयोग ने 11 जुलाई तक सुझाव और आपत्तियां मांगी हैं तथा वह अगले महीने राज्य का दौरा करेगा।

आयोग ने किया था असम का दौरा

आयोग ने इस साल 26 से 28 मार्च तक असम का दौरा किया था और राज्य में परिसीमन की कवायद के तहत राजनीतिक दलों, जनप्रतिनिधियों, नागरिक संस्थाओं के सदस्यों, सामाजिक संगठनों, आमजन और मुख्य निर्वाचन अधिकारी, सभी जिलों के उपायुक्तों तथा जिला चुनाव अधिकारियों के साथ बातचीत की थी।

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