- रोहित शर्मा ने वनडे करियर में 11000 रन का आंकड़ा किया पार।
- विराट कोहली 14000 वनडे रनों से सिर्फ 15 रन दूर।
- रोहित शर्मा का वनडे औसत 49.01, कोहली का 57.78।
- बांग्लादेश के खिलाफ मुकाबले में रोहित ने रचा इतिहास।
- दोनों सीनियर खिलाड़ियों का वनडे औसत 48 से अधिक।
भारतीय क्रिकेट टीम ने कप्तान रोहित शर्मा की अगुआई में चैंपियंस ट्रॉफी में अपने अभियान की शानदार शुरुआत की और बांग्लादेश पर छह विकेट से जीत दर्ज की। हालांकि, इस मुकाबले में सबकी नजरें भारतीय टीम के दो सबसे अनुभवी बल्लेबाजों रोहित शर्मा और विराट कोहली के प्रदर्शन पर टिकी रहीं।
इस मुकाबले में रोहित शर्मा ने 36 गेंदों में 41 रन बनाए, जबकि विराट कोहली 38 गेंदों में सिर्फ 22 रन ही बना सके। ऐसे में पूर्व भारतीय कप्तान और कोच अनिल कुंबले ने हेड कोच गौतम गंभीर को जल्द ही कठोर निर्णय लेने की सलाह दी है।
गंभीर के लिए बड़ा फैसला लेने का समय – अनिल कुंबले
पूर्व हेड कोच अनिल कुंबले ने ईएसपीएन क्रिकइन्फो से बातचीत में कहा कि, “किसी भी टीम के लिए बदलाव एक कठिन प्रक्रिया होती है। गौतम गंभीर के लिए यह टूर्नामेंट बेहद अहम साबित होगा, क्योंकि अब उन्हें भविष्य की ओर देखना होगा और अगर जरूरत पड़े तो कठिन फैसले लेने होंगे।”
उन्होंने आगे कहा, “हर बड़े टूर्नामेंट से पहले टीम को कम से कम 20-25 मैच एक साथ खेलने चाहिए, जिससे खिलाड़ियों के फॉर्म और तालमेल का बेहतर अंदाजा लगाया जा सके। अब सवाल यह है कि क्या हमें अनुभवी खिलाड़ियों के साथ जाना चाहिए या फिर युवा खिलाड़ियों को मौका देकर एक मजबूत टीम तैयार करनी चाहिए? गंभीर को जल्द ही इन सवालों के जवाब देने होंगे।”
रोहित-कोहली के आंकड़े बताते हैं कहानी
भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने बांग्लादेश के खिलाफ मुकाबले में अपने वनडे करियर में 11,000 रन पूरे कर लिए हैं। वहीं, विराट कोहली अब अपने 14,000 वनडे रनों से महज 15 रन दूर हैं। आंकड़ों की बात करें तो दोनों दिग्गजों का वनडे औसत 48 से अधिक है, जिसमें रोहित का औसत 49.01 और कोहली का औसत 57.78 है।
टी20 से ले चुके हैं संन्यास, वनडे भविष्य पर सस्पेंस
गौरतलब है कि रोहित शर्मा और विराट कोहली ने पिछले साल टी20 वर्ल्ड कप के बाद टी20 फॉर्मेट से संन्यास ले लिया था। ऐसे में अब सवाल यह उठ रहा है कि क्या वनडे टीम के भविष्य में भी बदलाव देखने को मिलेगा?
अनिल कुंबले का मानना है कि भारतीय क्रिकेट टीम को अब 2027 वनडे वर्ल्ड कप को ध्यान में रखते हुए टीम संयोजन पर विचार करना चाहिए। उन्होंने जोर दिया कि आने वाले समय में गंभीर को 20-25 मैचों की एक मजबूत रणनीति बनानी होगी, जिससे यह स्पष्ट हो सके कि टीम को किन खिलाड़ियों पर भरोसा करना है।
क्या टीम इंडिया में होगा बड़ा बदलाव?
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि गौतम गंभीर रोहित-कोहली के अनुभव पर भरोसा बनाए रखते हैं या फिर युवा खिलाड़ियों को अधिक मौके देने का फैसला करते हैं। भारतीय क्रिकेट टीम का भविष्य किस ओर जाएगा, यह आने वाले मुकाबलों में स्पष्ट हो सकता है।