- पहली बार मेजबानी और शानदार प्रदर्शन: उत्तराखंड ने राष्ट्रीय खेलों में पहली बार भाग लेते हुए 103 पदक जीते।
- पदकों का शतक पूरा: अंतिम दिन 1 स्वर्ण और 2 रजत पदक जीतकर उत्तराखंड ने 103 पदकों का आंकड़ा छू लिया।
- स्वर्णिम सफलता: उत्तराखंड ने 24 स्वर्ण, 35 रजत और 42 कांस्य पदक हासिल कर इतिहास रच दिया।
- राष्ट्रीय खेलों में बेहतरीन छलांग: उत्तराखंड ने पहली बार पदक तालिका में 7वां स्थान हासिल कर अपनी खेल प्रतिभा का लोहा मनवाया।
- खेलों में नया युग: राष्ट्रीय खेलों की सफल मेजबानी से उत्तराखंड अब खेलों का नया केंद्र बनने की ओर अग्रसर।
उत्तराखंड में पहली बार आयोजित हुए 38वें राष्ट्रीय खेलों में राज्य के खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन कर इतिहास रच दिया। फुटबॉल और नेटबॉल सहित कई खेलों में पहली बार मैदान में उतरे उत्तराखंड के खिलाड़ियों ने अपने दमखम से पूरे देश का ध्यान आकर्षित किया। मॉडर्न पेंटाथलान में राज्य को छह स्वर्ण पदक सहित कुल 14 पदक मिले, जो एक नया रिकॉर्ड है। नेटबॉल, लॉन बॉल और कुछ अन्य खेलों में भी खिलाड़ियों ने साबित किया कि अगर उन्हें अवसर मिले तो वे इतिहास रचने को तैयार हैं।
राष्ट्रीय खेलों में भाग लेने के लिए नेशनल चैंपियनशिप में राज्यों के टॉप आठ में शामिल होने की बाध्यता होती है। यही कारण रहा कि उत्तराखंड की कई टीमें 2023 में गोवा और 2022 में गुजरात में हुए राष्ट्रीय खेलों में हिस्सा नहीं ले सकी। लेकिन इस बार उत्तराखंड मेजबान राज्य होने के कारण फुटबॉल, लॉन टेनिस, लॉन बॉल, नेटबॉल, मॉडर्न पेंटाथलान सहित कुछ अन्य खेलों में भाग लेने का मौका मिला। इस अवसर का लाभ उठाते हुए उत्तराखंड की फुटबॉल टीम ने रजत पदक जीता, जबकि नेटबॉल में दो रजत और एक कांस्य पदक राज्य की झोली में आए।
अन्य खेलों में भी उत्तराखंड ने शानदार प्रदर्शन किया:
- लॉन बॉल में स्वर्ण पदक जीता।
- वेटलिफ्टिंग में कांस्य पदक हासिल किया।
- लॉन टेनिस में कांस्य पदक जीता।
- योगासन में एक स्वर्ण, तीन रजत और एक कांस्य पदक जीतकर खिलाड़ियों ने अपनी उत्कृष्टता साबित की।
उत्तराखंड में विश्व स्तरीय खेल सुविधाओं का विकास
उत्तराखंड ओलंपिक संघ के महासचिव डी.के. सिंह ने कहा कि मेजबान होने के कारण राज्य के खिलाड़ियों को सभी खेलों में भाग लेने का अवसर मिला। खिलाड़ियों के शानदार प्रदर्शन की एक बड़ी वजह यह रही कि राज्य में विश्व स्तरीय खेल सुविधाओं का विकास किया गया है। खिलाड़ियों को उच्च गुणवत्ता वाले उपकरण और सुविधाएं प्रदान की गईं, जिससे उन्हें बेहतर प्रदर्शन करने में मदद मिली। सरकार ने हर संभव खेल सुविधाएं उपलब्ध कराई और खिलाड़ियों ने इस अवसर का भरपूर लाभ उठाया।
आगे की चुनौती: प्रदर्शन को दोहराने की जिम्मेदारी
उत्तराखंड के खिलाड़ियों ने 103 पदक जीतकर अपने कौशल का परिचय दिया और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी खिलाड़ियों की सराहना की। हालांकि, राज्य के सामने अब एक बड़ी चुनौती यह है कि अगले वर्ष होने वाले 39वें राष्ट्रीय खेलों में इस प्रदर्शन को दोहराया जाए। देखना होगा कि उत्तराखंड के खिलाड़ी घर के बाहर भी इसी उत्कृष्टता को बनाए रख पाते हैं या नहीं।
उत्तराखंड ने साबित कर दिया कि यह केवल देवभूमि ही नहीं, बल्कि खेलभूमि भी है।