अयोध्या में भगवान राम के भव्य मंदिर का काम जोरों पर है। कुछ ही महीनों में राम मंदिर का काम पूरा होने वाला है, जिसके बाद इसका उद्घाटन किया जाएगा। राम मंदिर की सुरक्षा को लेकर अहम फैसला लिया गया है। मंदिर की सुरक्षा का जिम्मा सीआईएसएफ को दिया गया है। राम मंदिर की सुरक्षा को लेकर लिए गए फैसले के बाद सीआईएसएफ चर्चा में है। आपको बताते हैं कि सीआईएसएफ की शुरुआत कब हुई थी और ये कहां-कहां अपनी सुरक्षा देती है।
सीआईएसएफ का पूरा नाम केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (Central Industrial Security Force) है। संसद के एक अधिनियम के तहत 1969 में सीआईएसएफ की स्थापना की गई थी। बाद में इसे सशस्त्र बल बनाया गया। 3,129 कर्मियों के साथ शुरू हुए सीआईएसएफ में आज 1 लाख 70 हजार से अधिक सुरक्षाकर्मी काम करते हैं। सीआईएसएफ का अपना फायर विंग भी है जो 104 संस्थानों को सेवाएं देता है।
क्या करती है CISF?
सीआईएसएफ संपत्ति और प्रतिष्ठानों की सुरक्षा के साथ-साथ परिसर के कर्मचारियों को सुरक्षा देता है। इसके अलावा सीआईएसएफ के पास अंतरिक्ष विभाग, परमाणु ऊर्जा विभाग, हवाई अड्डे, दिल्ली मेट्रो, बंदरगाहों, ऐतिहासिक स्मारकों और पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, बिजली, कोयला, इस्पात और खनन की भी सुरक्षा का जिम्मा है। फिलहाल सीआईएसएफ देशभर में 353 प्रतिष्ठानों को सुरक्षा कवर उपलब्ध करवा रहा है।
आतंकवाद को माकूल जवाब देने में सक्षम सीआईएसएफ
सुरक्षा के मामले में सीआईएसएफ के अपने काफी ऊंचे मानक है। चाहे बात सुरक्षाकर्मियों की क्षमता की हो या सुरक्षा में सुधार के लिए अत्याधुनिक तकनीक अपनाने की। सीआईएसएफ आतंकवाद समेत किसी भी खतरे को जवाब देने में सक्षम है।