सीजेएम रचना की अदालत ने महिला सिपाही से दुष्कर्म प्रकरण की तफ्तीश कर रहे सीओ सिटी को समस्त अभिलेखों के साथ व्यक्तिगत रूप से पिछली पेशी पर तलब होने का जारी किया था आदेश,पर सीओ नहीं हुए थे हाजिर,सीजेएम ने एसपी को पत्र भेजकर सीओ को तलब कराने सम्बन्धी जारी किया है आदेश,मिली जानकारी के मुताबिक सीओ की तरफ से पेश होने के लिए मांगा गया था मौका,रेप का केस दर्ज कराने वाली सिपाही ने विवेचना में लापरवाही की बात कहते हुए लगाये है गम्भीर आरोप,करीब साढ़े सात माह से लम्बित है रेप प्रकरण की तफ्तीश
वहीं बीते 22 सितम्बर को नीशू तोमर की कार का शीशा तोड़कर नगदी व आवश्यक अभिलेख लूट लेने एवं गाड़ी उठा ले जाने के आरोप से जुड़े मामले में उनकी पत्नी कुसुम तोमर की तरफ से पड़ी है 156(3) अर्जी,तत्कालीन महिला थाना प्रभारी व रेप पीड़िता सिपाही समेत अन्य पर है लूट का आरोप,इसी मामले में कोर्ट के जरिये मांगी गई आख्या भेजने में लापरवाही बरतने पर नगर कोतवाल को जवाब के साथ सीजेएम ने व्यक्तिगत रूप से किया है तलब, कई पेशियों से आख्या भेजने में लापरवाही बरत रहे नगर कोतवाल, जिला न्यायालय के पास ही घटी घटना के सम्बंध में चंद कदम दूरी पर स्थित कोर्ट में अब तक रिपोर्ट नहीं भेज पाये नगर कोतवाल, रिपोर्ट भेजने में लापरवाही की हद कोतवाल ने की पार, कोतवाल की लापरवाही से कई महीनों से लटका है मामले का निस्तारण, विभाग के उच्चाधिकारी भी अपने अधीनस्थों की लापरवाही से बने है अंजान, नियम-कानून को ताक पर रखकर कोर्ट के आदेश की अवहेलना कर कोतवाल लगा रहे अपना मनमाना ज्ञान
दुष्कर्म पीड़िता महिला सिपाही के जरिये मॉनिटरिंग अर्जी में लगाये गये आरोप के मुताबिक आरोपी नीशू तोमर के इंस्पेक्टर होने एवं उनके साधारण सिपाही होने की वजह से निष्पक्ष नहीं हो रही मामले की जांच,सुलह के लिए तरह-तरह के दबाव भी बनाने का लगा है आरोप,हाईकोर्ट के आदेश का भी अर्जी में दिया गया हवाला,बीते 30 सितम्बर को हाईकोर्ट ने महिला सिपाही की याचिका पर सीओ रैंक के अफसर से विवेचना कराने व आठ सप्ताह के भीतर विवेचना पूर्ण कराने का पुलिस अधिकारियों को दिया था निर्देश,पर जिम्मेदारो की लापरवाही से अभी तक नहीं पूरी हो सकी तफ्तीश,जबकि आठ सप्ताह के बजाय उससे कई सप्ताह अधिक का बीत चुका है समय,जिला न्यायालय में अधिवक्ता संतोष कुमार पाण्डेय महिला सिपाही की तरफ से कर रहे पैरवी,अधिवक्ता संतोष कुमार पाण्डेय के तर्कों पर संज्ञान लेते हुए सीजेएम कोर्ट ने सीओ को किया है तलब,कुछ पुलिस अफसरों की साजिश या गलती की वजह से नीशू तोमर के लापता होने को लेकर उठे बवाल के कारण लटकी मानी जा रही केस की कार्यवाही,सूत्रों की मानें तो पुलिस महा निदेशक की निगरानी में सभी पहलुओं पर चल रही मामले की जांच,फिलहाल काफी समय से लटकी है नीशू के गायब होने सम्बन्धी मामले की जांच
उधर लापता इंस्पेक्टर की पत्नी कुसुम तोमर की पहली 156(3) अर्जी पर सीजेएम कोर्ट के आदेश के बाद बीते दो दिसम्बर को कोतवाली नगर में मीरा कुशवाहा व रेप का केस दर्ज कराने वाली महिला सिपाही समेत अन्य पर दर्ज हुआ है साजिश एवं अपहरण का मुकदमा,इस प्रकरण की भी ठंडे में पड़ी है जांच,वहीं कुसुम की तरफ से लूट समेत अन्य आरोपो से जुड़े मामले में पेश की गई है दूसरी 156(3) अर्जी,जिसमे रिपोर्ट भेजने में लापरवाही बरतने को लेकर नगर कोतवाल हुए है तलब,नीशू व उनकी पत्नी की तरफ से अधिवक्ता बृजेश पाण्डेय जिला न्यायालय में कर रहे पैरवी,नीशू को ढूढ़ पाने व उससे जुड़े सभी मुकदमो में कोई हल निकाल पाने में पूरी तरीके से फेल दिख रही जिले की पुलिस एवं लगाई गई सभी टीमें,प्रत्येक मामलो में सिर्फ बढ़ रही तारीख,मांगा जा रहा समय पर समय,जिम्मेदार अफसरों की चूक ने मामले को तूल देने में निभाई अहम भूमिका,क्या होगा मामले का अंत,बना असमंजस
वहीं लापता इंस्पेक्टर नीशू तोमर की पत्नी की तरफ से दाखिल हैबियस कार्पस एवं अपहरण व साजिश से जुड़ी दूसरी याचिका पर हाईकोर्ट में बीते नौ जनवरी को एक साथ लगी थी सुनवाई,फिलहाल केस की अधिकता की वजह से उस दिन हाईकोर्ट में नहीं हो सकी थी सुनवाई,जिस कारण आगे की कार्यवाही पर बाधित रह गई सुनवाई,जल्द दोनों याचिका पर एक साथ सुनवाई होने की उम्मीद,नीशू की पत्नी ने अपहरण की एफआईआर पर अब तक कोई कार्यवाही न होने एवं निष्पक्ष तफ़्तीश को लेकर सक्षम एजेंसी को जांच ट्रांसफर करने व उचित निर्देश देने समेत अन्य मांगों को लेकर भी दाखिल की है दूसरी याचिका,दूसरी याचिका में कुछ वीडियो क्लिप भी की गई है दाखिल,वीडियो क्लिप की निष्पक्ष जांच होने पर कई आ सकते है विभागीय कार्यवाही की जद में,जिस दिन वीडियो क्लिप का खुलेगा मामला,महकमे में भूचाल आ जाने की जताई जा रही सम्भावना
नीशू तोमर की पत्नी कुसुम की तरफ से दाखिल पहली याचिका पर हाईकोर्ट में सूबे के पुलिस-मुखिया तक से हो चुका है जवाब-तलब,नीशू का ठिकाना बताने के लिए पुलिस को हाईकोर्ट से मिला था मात्र एक माह का समय,पर उससे काफी अधिक समय बीत जाने के बाद भी नीशू को ढूढ़ पाने में अब तक पुलिस है नाकाम,उधर नीशू को फरार बताकर घोषित हो चुका है हजारो का ईनाम
नीशू के परिजनों के आरोप के मुताबिक बीते 22 सितम्बर को नीशू तोमर को ले जाया गया था महिला थाने,तभी से लापता है नीशू तोमर,नीशू के बारे में नही मिल पा रही कोई विश्वसनीय जानकारी,नीशू पुलिस कस्टडी के बाहर है इस बात को अभी तक साबित करने में पुलिस रही है नाकाम,पुलिस अभिरक्षा में आने के बाद नीशू के बाहर जाने के सम्बंध में पुलिस के पास नहीं है कोई पुख्ता प्रमाण,पुलिस की भूमिका शुरू से ही सवालो के घेरे में,पर अपने को बेकसूर बता रहे जिम्मेदार अफसर और नीशू को पूछतांछ के बाद वापस जाने की बात को साबित करने में जुटा है महकमा,नीशू को खोज निकालना व उसके ठिकाने के बारे में सटीक जानकारी दे पाना यूपी पुलिस के लिए है बड़ी चुनौती,नीशू प्रकरण को लेकर रोज होती है तरह-तरह की चर्चाएं,लोग लगाते है तरह-तरह के कयास
मिली जानकारी के मुताबिक रेप केस के पूर्व विवेचक नगर कोतवाल रामआशीष उपाध्याय की तफ्तीश में बताई गई घटना की तिथियों पर नीशू की मौजूदगी कथित घटना स्थल के बजाय सरकारी अभिलेखों के अनुसार अन्य जगह पर होने के चलते किसी प्रकार का अपराध नीशू के खिलाफ नहीं हो रहा था प्रमाणित,उसी के बाद अचानक नगर कोतवाल से तफ्तीश हटाकर तत्कालीन महिला थाना प्रभारी मीरा कुशवाहा के सुपुर्द कर दी गई थी विवेचना,मीरा कुशवाहा के विवेचना सुपुर्द होने के बाद ही कोर्ट में सरेंडर अर्जी पेश कराने आये नीशू तोमर के साथ बीते 22 सितम्बर को घटी थी घटना,उस समय नीशू के साथ घटी न होती यह घटना तो शायद अब तक वांछित अभियुक्त होने की रिपोर्ट आने के बाद नीशू सरेंडर कर होता जेल में या सरेंडर न करता तो तमाम तरीकों को अपनाकर पुलिस कर सकती थी उसकी गिरफ्तारी,पर मीरा कुशवाहा की जल्दबाजी ने बिगाड़ा पूरा खेल और अब सस्पेंड होकर दिन काट रही मीरा,बीते 22 सितम्बर को मीरा कुशवाहा व उनके सम्पर्क में बने अफसरों के गलत निर्णय ने पूरे महकमे के लिए खड़ा कर दिया बवाल,किस पुलिस अधिकारी के ईशारे पर मीरा ने की थी यह गलती अभी उलझी है इस बात की गुत्थी,कोतवाल राम आशीष उपाध्याय की जांच के बाद मीरा कुशवाहा की जांच में नीशू तोमर के वांछित बताये जाने से दोनों की तफ्तीश पर भी उठा सवाल,किसकी जांच सही और किसकी जांच गलत,इसकी प्रमाणिकता को भी लेकर उठ रहा सवाल
नीशू तोमर से जुड़े मामलों में डीजीपी के हस्तक्षेप के बाद भी उसे ढूढ़ पाने एवं किसी भी मामले का हल निकाल पाने में पुलिस के सारे सिस्टम दिख रहे फेल,नीशू जान-बूझकर कहीं छिपा है या कहीं बना है बंधक या किसी मकशद को हल करने के लिए किसी के जरिये नीशू के साथ किसी अप्रिय वारदात को दिया जा चुका है अंजाम,ऐसी ही कई बातों को लेकर सभी के बीच संशय बरकरार,नीशू के पास मौजूद रही पेन ड्राइव में कैद कई प्रभावशाली लोगों से जुड़ी अश्लील वीडियो को नीशू के लापता होने की भी मानी जा रही मुख्य वजह,सूत्रों के मुताबिक अपनी करनी का भंडाफोड़ होने की डर की वजह से वीडियो से जुड़े लोग विवादित पेन ड्राइव हासिल कर सबूत मिटाने के थे प्रयास में,इस रंजिश की वजह से भी नीशू को निशाना बनाने की जताई जा रही उम्मीद,हाईकोर्ट व प्रदेश स्तर तक पहुँच चुका है यह मामला,सीएम योगी आदित्यनाथ एवं डीजीपी वीडियो पर जल्द ले सकते है संज्ञान,निष्पक्ष जांच हुई तो कइयों पर गिर सकती है गाज,जांच पूरी होते ही पहुँच सकती कार्यवाही की आंच
महिला सिपाही एवं इंस्पेक्टर नीशू तोमर से जुड़े मामले में लगातार आ रहा मोड़ पर मोड़,हाईकोर्ट से पक्षकारों को समय से नहीं मिली आपेक्षित राहत तो अब सुप्रीम कोर्ट तक भी मामला पहुँचने की जताई जा रही सम्भावना,पुलिस विभाग के लिए सिरदर्द बना है नीशू तोमर को ढूढ़ पाना,जल्द नहीं आया संतोषजनक परिणाम तो जिम्मेदारो पर गिर सकती है गाज,अब देखना है कि जिम्मेदार अपने पर गिरवाते है गाज या नीशू की करते है तलाश,वैसे मामला काफी दिनों से जस का तस बना होने से सब छोड़ चुके है इन मामलों में कोई प्रभावी स्टेप आने की आश