spot_imgspot_img

Top 5 This Week

spot_img

Related Posts

जल संचयन व जल संरक्षण के साथ पौधरोपण भी जरूरी- स्‍वतंत्र देव सिंह |

यूपी में आज जल स्रोतों को संरक्षित करने का कार्य युद्ध स्‍तर पर किया जा रहा है जिसका परिणाम है कि बीते 9 वर्षों में भूगर्भ जल स्‍तर में बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। खासतौर पर बुंदेलखंड व विंध्‍य क्षेत्र में अभूतपूर्व परिवर्तन आए हैं। पहले जिस बुंदेलखंड में महिलाएं पानी को तरसती थीं, वहां आज जल जीवन मिशन की हर घर जल योजना से घर-घर नल से जल पहुंचा है। जल संचयन के लिए पोखरों का नवीनीकरण, चेक डैमों व अमृत सरोवरों का निर्माण और नदियों, तालाबों को जिंदा करने का कार्य किया जा रहा है। ये बातें मंगलवार को जल शक्ति मंत्री स्‍वतंत्र देव सिंह ने भूजल सप्‍ताह के तहत गोमतीनगर के विभूतिखंड स्थित एक होटल में कहीं।

भूगर्भ जल विभाग और आगा खान फाउंडेशन की ओर से “जल जीवन मिशन की योजनाओं में जल आपूर्ति के लिए स्रोत स्थिरता सुनिश्चित करने की वर्तमान स्थिति और अवसर” विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। बतौर मुख्‍य अतिथि जल शक्ति मंत्री स्‍वतंत्र देव सिंह ने कहा कि जल संचय करना छोटा काम नहीं है। एक लोटा पानी बचाकर हम आने वाले भविष्‍य को सुरक्षित कर सकते हैं। प्रधानमंत्री नरेन्‍द मोदी के यशस्वी मार्गदर्शन व मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ के कुशल नेतृत्‍व में विकास के पथ पर बढ़ चुके यूपी में जल संचयन व जल संरक्षण के साथ पौधरोपण भी जरूरी है। प्रदेश सरकार के साथ समाजिक संगठनों की भागीदारी से समाज की सोच में बदलाव आया है। स्‍वच्‍छता की तरह ही अब जल संचयन भी जन आंदोलन बन गया है। जल शक्ति मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार के साथ जब समाज भी आगे बढ़कर जल संरक्षण व जल संचयन की दिशा में काम कर रहा है तो उसके सकारात्मक परिणाम दिखाई दे रहे हैं। उन्‍होंने कहा कि स्‍वच्‍छ जल से ही स्‍वस्‍थ्‍य रह सकते हैं। ऐसे में स्‍वच्‍छ पेयजल,जल संचयन व जल संरक्षण से जुड़ी कार्यशालाओं को गांव, ब्‍लॉक और जिला स्‍तर पर भी आयोजित किया जाना चाहिये। इससे पहले जल निगम ग्रामीण के प्रबंध निदेशक डॉ. बलकार सिंह ने कहा कि भूगर्भ जल के स्‍तर को बढ़ाने के लिए वर्षा जल संचयन भी बेहद जरूरी है। आज यूपी में 15 हजार अमृत सरोवर हैं। उन्‍होंने कहा कि आज जल जीवन मिशन से ग्रामीण परिवारों की सेहत में सुधार हो रहा है जिससे उनकी आर्थिक स्थिति भी बेहतर हुई है। कार्यशाला में भूगर्भ जल प्रबंधन विषय पर आधारित परिचर्चा हुई जिसमें वक्‍ताओं ने अपने अपने विचारों को साझा किया। इसके बाद प्रोजेक्‍ट इंजीनियर अनुभव भटनागर ने भूजल बोरवैल मॉनिटरिंग ऐप के बारे में जानकरी दी। उन्‍होंने बताया कि इस एप से भूगर्भ जल स्‍तर की मॉनिटरिंग भी की जा सकती है। इस अवसर पर भूगर्भ जल विभाग के निदेशक वीके उपाध्याय, बांदा के ज्‍वांइट मजिस्‍ट्रेट आर जगत साही समेत अन्‍य अधिकारी मौजूद रहे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Popular Articles