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संविदा कर्मियों का 22 करोड. लेकर कंपनी फरार

विद्युत विभाग को संविदा कर्मी सप्लाई करने वाली नई दिल्ली की कंपनी संविदा कर्मियों का लगभग 22 करोड. रूपये लेकर फरार हो गई। इतना ही नहीं, लगभग 05 करोड. रूपये की जीएसटी भी नहीं जमा किया। देर से जागे अफसरों ने दो बार नोटिस दी और एमबीएनएलएल के एमडी ने संस्था को ब्लैक लिस्टेड कर दिया है। इस घोटाले से विद्युत वितरण मंडल सुलतानपुर के अलावा बाराबंकी, बदायूं, शाहजहांपुर, बरेली, पीलीभीत समेत सात मंडल के दर्जनों खंडीय कार्यालय प्रभावित हुए हैं। आला अफसरों ने मुकदमा दर्ज कराने के लिए पुलिस अधिकारियों को भी पत्र लिखा है।
मध्यांचल विद्युत वितरण निगम में मेसर्स ओरियन सिक्योरिटी सल्यूशन प्रा.लि. से सात विद्युत वितरण मंडलों के लिए 4923 संविदा कर्मियों का अनुबंध 2019 में हुआ था। जिसमें विद्युत वितरण मंडल सुलतानपुर में 741, बंदायू में 890, बाराबंकी में 941, शाहजहांपुर में 857, बरेली में 659, पीलीभीत में 442 व बरेली के ही दूसरे विद्युत वितरण के लिए 393 संविदा कर्मियों की भर्ती कंपनी के माध्यम से हुई थी। कर्मियों का भुगतान कंपनी के जरिए ही किया जा रहा था। बीच-बीच में कई बार भुगतान न मिलने पर संविदा कर्मियों ने व्यापक पैमाने पर प्रदर्शन भी किए थे। 2022 से कंपनी ने संविदा कर्मियों का वेतन भुगतान, ईपीएफ अंशदान और ईएसआईसी अंशदान में घोटाला करना शुरू कर दिया। इस दौरान अधिकारियों तक बात पहुंचती रही, लेकिन जिम्मेदार अनसुना करते रहे। जब मामला शासन स्तर तक पहुंचा तो मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के आला अफसरों के कान खड.े हो गए। कंपनी के दस्तावेज खंगाले गए तो चौकाने वाले तथ्य सामने आए। प्रकाश में आया कि बरेली जोन के शाहजहांपुर, बदांयू, पीलीभीत जिले के संविदा कर्मियों का लंबित कुल वेतन भुगतान 52342245.74, लंबित ईपीएफ अंशदान 74409538.00 और लंबित ईएसआईसी अंशदान 13877228.00 है। सुलतानपुर विद्युत वितरण मंडल के संविदा कर्मियों का वेतन भुगतान 4332360.00, ईपीएफ अंशदान 3264583.00 का बकाया है। जबकि कंपनी ने ईएसआईसी का विवरण सुलतानपुर में जमा ही नहीं कराया। इसके अलावा प्रति श्रमिक के 50 रूपये कम देने की वजह से कंपनी पर लगभग तीन लाख का बकाया है। विद्युत वितरण मंडल बाराबंकी के कर्मियों का वेतन भुगतान 6645808.00, ईपीएफ अंशदान 34654384.81 बकाया है। कुल मिलाकर कंपनी कर्मचारियों का 269786292.38 रूपया लेकर फरार है। इसके अलावा सरका को चूना लगाते हुए कंपनी ने जीएसटी की धनराशि लखनऊ कमिश्नरेट में 49931677.00 रूपया जमा नहीं कराई है। फरवरी माह में दो नोटिस देने के बाद मध्यांचल विद्युत वितरण के प्रबंध निदेशक भवानी सिंह खंगारौत ने पत्रांक संख्या 97 दिनांक 03.03.2023 को कंपनी को काली सूची में डाल दिया। विभिन्न जिलों में कंपनी के विरूद्ध आपराधिक धाराओं में मुकदमा दर्ज कराने के लिए अधिकारियों ने पुलिस विभाग को पत्र भी लिख दिया है।

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